नई दिल्ली। आज इजराइल और हमास के बीच युद्ध को एक महीने पूरे हो गए। 7 अक्तूबर को यह शुरू हुआ था जब हमास ने इजराइल पर रॉकेटों से हमला किया था उसके बाद इजराइल ने फिलिस्तीनियों के खिलाफ पूरा युद्ध छेड़ दिया। और उसके हमले में अब तक 10 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। कल मिस्र से सटे राफाह इलाके में इजराइली हमले में 16 लोगों की मौत हो गयी। यूएन चीफ एंटोनियो गुटरास ने कहा है कि गाजा बच्चों की कब्रगाह बन गया है।
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिणी गाजा पट्टी में खान यूनुस के अल करारा इलाके में इजराइल ने हमला किया है। इस बीच रूस ने इजराइल के मंत्री द्वारा न्यूक्लियर हमले की टिप्पणी पर सवाल उठाया है। रूस के विदेश विभाग की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने कहा है कि इजराइल के जूनियर मंत्री द्वारा गाजा पर नाभिकीय हमले की टिप्पणी कई सारे सवाल खड़े करती है। उन्होंने कहा कि मुख्य मुद्दा यह है कि इजराइल लगता है इस बात को स्वीकार कर लिया है कि उसके पास नाभिकीय हथियार हैं।
अगर ऐसा है तो जाखारोवा ने कहा कि यूएन नाभिकीय वाचडॉग और इंटरनेशनल इंस्पेक्टर्स को जमीन पर होना चाहिए।
इजराइल ने अब तक सार्वजनिक तौर पर इस बात को स्वीकार नहीं किया था कि उसके पास नाभिकीय हथियार हैं। हालांकि फेडरेशन ऑफ अमेरिकी साइंटिस्ट का अनुमान है कि इजराइल के पास 90 नाभिकीय हथियार हैं। ईरानी विदेश मंत्री होसेन आमिराब्दोल्लाहियन ने सोमवार को यूएन सुरक्षा परिषद और यूएन नाभिकीय वाचडॉग इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी को बर्बर और नस्लीय रेजीम से हथियार रहित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने की अपील की है।
इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा है कि इजराइल छोटी सी राहत देने के लिए तैयार है लेकिन इसके साथ ही यह भी सुझाव दिया कि युद्ध के बाद गाजा की अनिश्चितकालीन सुरक्षा के लिए वह जिम्मेदारी ले लेगा। ईरानी मीडिया ने कहा है कि राष्ट्रपति रईसी और भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने टेलीफोन के जरिये बात की है।
जी-7 की दो दिवसीय बैठक के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकेन इस समय जापान में हैं। इस बीच ब्लिंकेन का मध्य-पूर्व का दौरा समाप्त हो गया है। जिसमें वह किसी भी तरह का ब्रेकथ्रू हासिल करने में नाकाम रहे।
इजराइल गाजा इलाके में स्थित सोलर पैनेलों को निशाना बना रहा है। इन पैनेलों का इस्तेमाल अस्पतालों और नागरिकों को बिजली मुहैया कराने में की जाती है। इजराइली हमले में अगर होने वाले नुकसान की बात की जाए तो अस्पतालों में प्रत्येक मिनट एक घायल की भर्ती हो रही है जबकि एक घंटे में वहां से 15 शव निकल रहे हैं। हर घंटे छह बच्चे और पांच महिलाएं मारे जा रहे हैं। गाजा की तकरीबन 70 फीसदी आबादी अपने घरों से विस्थापित हो गयी है। इस बीच इजराइल ने तकरीबन 30 हजार टन विस्फोटक हमले में इस्तेमाल किए हैं। औसत के हिसाब से यह 82 टन प्रति वर्ग किमी आता है। करीब आधे अस्पतालों ने काम करना बंद कर दिया है। और 62 फीसदी प्राथमिक अस्पताल काम करने बंद कर दिए हैं। 50 फीसदी घरों को बिल्कुल जमींदोज कर दिया गया है। 10 फीसदी तो बिल्कुल रहने लायक ही नहीं हैं। एक तिहाई स्कूल ध्वस्त हो चुके हैं और 9 फीसदी तो काम ही करने बंद कर दिए। 14 फीसदी मस्जिदों को नुकसान पहुंचा है जबकि 5 फीसदी पूरी तरह से ध्वस्त की जा चुकी हैं।
इस बीच इजराइल लगातार अस्पतालों को निशाना बनाकर उन पर हमले कर रहा है। खबर तो यहां तक आ रही है कि ह्वाइट हाउस अरबों रुपये का बम इजराइल को भेजने की तैयारी कर रहा है।
18 से ज्यादा यूएन समेत दूसरे संगठनों ने तत्काल मानवीय आधार पर तत्काल युद्धविराम की अपील की है। इसके साथ ही इजराइल की सेनाओं ने गाजा को चारों तरफ से घेर लिया है और कहा जा रहा कि 48 घंटे में वह भीतर घुस सकती है। अब तक 10022 फिलिस्तीनियों की मौत हो गयी है जबकि 25408 घायल हैं। वेस्ट बैंक में मरने वालों की संख्या 163 है। जबकि इजराइल में मरने वालों की संख्या 1405 है और घायलों की 5600।
इस बीच तुर्की के विदेश मंत्री हाकन फिदान के साथ अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन की बैठक दौरान दर्जनों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। ये सभी गाजा में होने वाली फिलिस्तीनी नागरिकों की हत्याओं में वाशिंगटन का हाथ होने का आरोप लगा रहे थे।
प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर छात्र थे। ये सभी ‘हत्यारे ब्लिंकेन तुर्की से बाहर जाओ’ जैसे नारे लगा रहे थे। तुर्की में यह लगातार दूसरे दिन विरोध-प्रदर्शन हुआ जिसमें लोगों ने ब्लिंकेन की यात्रा का विरोध किया। रविवार के प्रदर्शन के दौरान तो पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और पानी की बौछार मारनी पड़ी। इसके साथ ही तमाम प्रदर्शनकारी दक्षिणी तुर्की में स्थित उस हवाई बेस में घुसने की कोशिश करने लगे जिसे अमेरिकी सेना इस्तेमाल करती है। सैकड़ों प्रदर्शनकारी अंकारा स्थित अमेरिकी दूतावास के सामने प्रदर्शन किए।
गौरतलब है कि तुर्की नाटो का सदस्य है और उसने हाल में ही इजराइल से अपने रिश्ते ठीक कर लिए थे। लेकिन गाजा में हो रही लगातार लोगों की मौतों के दबाव के चलते उसे इजराइल से अपने राजदूत को वापस बुलाना पड़ा है। तुर्की राष्ट्रपति एरडोगेन ने कहा है कि वह इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात नहीं कर सकते।
इस बीच गाजा में सरकारी मीडिया की ओर से एक बयान जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि इजराइल की यह बात झूठी है जिसमें उसने कहा है कि वह नागरिकों को निशाना बना कर हमले नहीं कर रहा है। मीडिया का कहना है कि वह न केवल नागरिकों को भूखा रख रहा है बल्कि हवाई हमले भी उनको निशाना बनाकर कर रहा है।
गलियों और अस्पतालों में दर्जनों शवों के पड़े होने की रिपोर्ट मिली है। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि हम इजराइल के वादे पर भरोसा नहीं करते हैं जिसमें उसने कहा है कि वह घायलों को रेड क्रॉस की अगुवाई में एंबुलेंस के जरिये बाहर ले जाने की छूट देता है।
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से आई जानकारी के मुताबिक पिछली रात हमले में तकरीबन 200 लोगों की मौत हो गयी है। इसके साथ ही इस बयान में यह भी साफ किया गया है कि यह मौतें केवल गाजा शहर की है इसमें गाजा पट्टी को शामिल नहीं किया गया है।
फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री मोहम्मद शतय्येह के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक हुई। जिसमें इजराइल के बर्बर रवैये और उस पर उसके मंत्रियों के बयानों की कड़ी निंदा की गयी। एक इजराइली मंत्री खिला ईलैंड ने कहा कि गाजा में इस तरह का मानवीय संकट खड़ा कर दिया जाना चाहिए कि वह भविष्य में इंसानों के रहने लायक ही न रह जाए।
कैबिनेट की बैठक में कहा गया कि हेरिटेज मामले के इजराइली मंत्री 10 हजार मौतों से संतुष्ट नहीं हैं। वह गाजा में हिरोशिमा देखना चाहते हैं। वह इजराइल के पास रखे न्यूक्लियर बमों से गाजा में नरसंहार आयोजित करना चाहते हैं।
बैठक में कहा गया कि दुनिया अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस मनाने की तैयारी कर रही है। हम यूएन से इस समारोह को रद्द करने की अपील करते हैं। और इस अवसर पर फिलिस्तीन के उन बच्चों की फोटो प्रकाशित करने की अपील करते हैं जो अपने स्कूलों और किंडरगार्टेन से इजराइली किलिंग मशीन के चलते गैरहाजिर हैं।
लगातार हो रही मौतों के चलते शवों को दफनाने की समस्या बढ़ती जा रही है। कब्रगाहों में जगह नहीं है जिससे नये शव को दफनाया जा सके। कब्रगाह भर गए हैं। ढेर सारे शवों को बगैर उनके परिजनों या फिर रिश्तेदारों की मौजूदगी में दफना दिया जा रहा है।
गाजा का सबसे बड़ा अस्पताल अल शिफा तेल के खत्म होने के चलते कभी भी बंद हो सकता है। इससे वहां मौजूद 40 हजार मरीजों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। जिसमें ढेर सारे बच्चे शामिल हैं। क्योंकि नेतन्याहू और उनकी कैबिनेट ने वहां तेल ले जाने की इजाजत नहीं दी है।
उधर, लेबनान और इजराइल सीमा पर हेजबुल्ला और इजराइली सेना के बीच लड़ाई तेज होती जा रही है। इसमें कई पत्रकारों और नागरिकों की मौत हुई है।
रविवार को एक इजराइली हमले में तीन बच्चों और उनकी दादी की मौत हो गयी। जो दक्षिण लेबनान में एक कार से जा रहे थे। इसके जवाब में हेजबुल्ला ने उत्तरी इजराइली शहर किरयत शमोना पर हवाई हमला किया जिसमें एक इजराइली की मौत हो गयी।
7 अक्तूबर से अब तक 10 नागरिकों, 59 हेजबुल्ला लड़ाकों और एक पत्रकार की मौत हो चुकी है।
इजराइल का आयरन डोम सिस्टम बिल्कुल ध्वस्त हो चुका है। एक वीडियो सामने आया है जिसमें बीच शहर में एक राकेट के गिरने का दृश्य है।
+ There are no comments
Add yours