फ्लोर टेस्ट से पहले बिहार में ‘खेला’ की संभावना, हर दल में अनुपस्थित विधायकों की संख्या बढ़ी

नई दिल्ली/पटना। बिहार की राजनीति में इस समय अटकलों और अफवाहों का बाजार गर्म है। पटना की बैठकों में हर कोई एक से बढ़कर एक दावे कर रहा है। कोई जेडीयू-भाजपा की सरकार को शक्ति परीक्षण में पास बता रहा है, तो कोई राजद के पक्ष में तर्क देते हुए ‘खेला’ होने की संभावना बता रहा है। नीतीश कुमार की नई सरकार के लिए शक्ति परीक्षण से दो दिन पहले शनिवार को पटना में फूट और खरीद-फरोख्त की अटकलें तेज हो गईं, सभी मुख्य दलों ने अपने विधायकों के साथ बैठकें बुलाईं, लेकिन हर दल में कुछ अनुपस्थित रहे।

राजनीतिक दलों ने अपने विधायकों को खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए दावतों और बैठकों के बहाने राजधानी में बुलाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिए हैं। प्रत्येक दल बैठक में अनुपस्थित रहे अपने विधायकों से कारण जाना, और आशंका निर्मूल साबित हुई। लेकिन फिर भी अनुपस्थिति ने दोनों पक्षों द्वारा किए गए “खेला” के  वादे को पूरा नहीं किया।

243 की सदन में एनडीए के पास 128 विधायक हैं जो बहुमत के निशान से सिर्फ 6 ऊपर, जबकि महागठबंधन 114 पर 8 विधायक कम है। एकमात्र एआईएमआईएम विधायक किसी पक्ष में नहीं हैं।

सूत्रों ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी, जो कि राजद से हैं, के खिलाफ एनडीए द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव बड़ी परीक्षा से पहले एक मौसम संकेत के रूप में काम कर सकता है।

चौधरी ने अब तक इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है, जिसका मतलब है कि सरकार द्वारा विश्वास मत हासिल करने से पहले उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर सोमवार को विधानसभा में मतदान होने की संभावना है। अगर चौधरी अपना पद बरकरार रखते हैं तो सरकार अल्पमत में मानी जाएगी और गिर जाएगी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने शनिवार को मंत्री और पार्टी के मुख्य सचेतक श्रवण कुमार के घर पर अपने विधायकों के लिए “एकता भोज” आयोजित किया। जिससे पता चला कि पार्टी के 45 में से केवल 40 विधायक ही आए थे। अनुपस्थितों की पहचान बीमा भारती, संजीव, शालिनी मिश्रा, सुदर्शन और दिलीप राय के रूप में की गई है। नीतीश महज पांच मिनट रुके और पत्रकारों से बात किये बगैर निकल गये।

पार्टी के मुख्य सचेतक श्रवण कुमार ने कहा कि “चिंता की कोई बात नहीं। हमारे वरिष्ठ नेताओं ने उनसे (अनुपस्थित) फोन पर बात की है”।

“वे निजी व्यस्तताओं के कारण नहीं आ सके, लेकिन आज शाम (शनिवार) तक पटना पहुंचेंगे। रविवार शाम को हमारी विधायक दल की बैठक में सभी 45 सदस्य मौजूद रहेंगे।”

विधायक दल की बैठक मंत्री विजय कुमार चौधरी के आवास पर होगी। जेडीयू ने अपने सभी विधायकों को व्हिप जारी कर पटना में मौजूद रहने को कहा है।

भाजपा ने अपने विधायकों को “आगामी लोकसभा चुनावों की रणनीतियों” पर दो दिवसीय प्रशिक्षण सत्र के लिए बोधगया के एक रिसॉर्ट में इकट्ठा किया। वे रविवार शाम तक यहीं रहेंगे।

पार्टी के 78 विधायकों में से दो रश्मी वर्मा और विनय बिहारी अनुपस्थित थे। बिहार भाजपा अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि “दोनों विधायक बोधगया जा रहे हैं। वे कार्यक्रम में जरूर शामिल होंगे। हम सभी एकजुट हैं”।

79 विधायकों के साथ विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी राजद ने इन सभी को शनिवार शाम पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर बैठक के लिए बुलाया। इसकी अध्यक्षता पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद और उनके बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने की, जिन्होंने सबसे पहले खेला का बिगुल बजाया था।

राजद विधायकों को राबड़ी आवास नहीं छोड़ने के लिए कहा गया है, और उनके परिवारों और सहयोगियों से कहा गया है कि विधायकों को उनके रात्रि प्रवास को आरामदायक बनाने के लिए जो भी सामान चाहिए वह भेज दें।

कांग्रेस ने अपने 19 में से 16 विधायकों को हैदराबाद के एक रिसॉर्ट के “सुरक्षित ठिकाने” में रखा है। उनके रविवार शाम या सोमवार सुबह लौटने की उम्मीद है। पार्टी का दावा है कि अनुपस्थित तीन लोग बीमार हैं या किसी पारिवारिक आपात स्थिति या कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।

सीपीआईएमएल विधायक दल के नेता महबूब आलम ने शनिवार को हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से उनके आवास पर मुलाकात की। एनडीए के सहयोगी मांझी बेचैन हो गए हैं और उन्होंने अतिरिक्त राज्य कैबिनेट पद की मांग की है।

भाजपा सूत्रों ने कहा कि मांझी को राजग में बनाए रखने के समझौते के तहत राज्यसभा भेजा जाएगा।

मांझी ने भी एक्स पर एक संदेश पोस्ट करते हुए कहा कि जो कुछ भी होना था वह हो चुका है और अब कुछ नहीं होगा। उन्होंने लिखा, ”मोदीजी के नेतृत्व में एनडीए मजबूत है और मजबूत रहेगा।”

राजद प्रवक्ता और विधायक भाई वीरेंद्र ने आरोप लगाया कि नीतीश विधानसभा भंग करना चाहते हैं ताकि राज्य में लोकसभा चुनाव के साथ चुनाव कराये जा सकें।

उन्होंने कहा, ”मैं सभी दलों के विधायकों को सचेत कर रहा हूं क्योंकि उनका अभी भी लगभग 20 महीने का कार्यकाल बचा है। उन्हें ऐसा नहीं होने देना चाहिए।”  

“हमारी पार्टी एकजुट है, महागठबंधन एकजुट है। हम 12 फरवरी को माकूल जवाब देंगे। खेला जरूर होगा।’

जबकि सूत्रों ने कहा कि एक विधायक जेल में बंद गैंगस्टर अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी बैठक से दूर रहीं, वाम दलों के सभी विधायक (सीपीआईएमएल: 12, सीपीआई: 2, और सीपीएम: 2) मौजूद थे।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments