नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालिवाल ने यूपी के रायबरेली में हादसे की शिकार गैंगरेप पीड़िता के इलाज के मसले पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने तमाम बातों के अलावा पीड़िता के दिल्ली में इलाज के लिए तत्काल एयर एंबुलेंस मुहैया कराने की मांग की है।
उन्होंने लिखा है कि उनकी दिल्ली के अस्पतालों से बात हो चुकी है और वो पीड़िता की मुफ्त इलाज करने के लिए तैयार हैं। अभी जैसी पीड़िता की हालत है उसमें उसके किसी बड़े अस्पताल में शिफ्ट करना बेहद जरूरी हो गया है। इस लिहाज से सरकार को तत्काल एयर एंबुलेंस की व्यवस्था करनी चाहिए जिससे उसको और उसके वकील को दिल्ली ले जाया जा सके। दिल्ली महिला आयोग इस बात को सुनिश्चित करेगा कि पीड़िता और वकील का बेहतर से बेहतर इलाज हो। उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी तरह की देरी पीड़िता की जिंदगी के खतरे को बढ़ाने का काम करेगी। साथ ही उन्होंने कहा है कि उसका यूपी में बने रहना खतरनाक है क्योंकि आरोपी मौजूदा समय में विधायक हैं।
उन्होंने सरकार के किसी प्रतिनिधि के पीड़िता के पास न पहुंचने पर भी रोष जाहिर किया। उन्होंने कहा कि पीड़िता को अस्पताल में भर्ती हुए 12 घंटे से ज्यादा हो गए हैं लेकिन अभी तक सरकार का कोई भी नुमाइंदा उसे देखने नहीं गया। उन्होंने कहा कि हादसा पूरी तरह से संदिग्ध है और इसमें हत्या की बू आती है।
स्वाती मालीवाल ने कहा है कि पहले पीड़िता के पिता की हत्या की गयी उसके बाद अब उसके परिवार के दूसरे सदस्यों को निशाना बनाया गया। और वह खुद और उसके वकील अस्पताल में जीवन और मौत के बीच झूल रहे हैं।
उन्होंने यूपी पुलिस पर सीधे-सीधे मामले को हल्का करने की कोशिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि महकमे की पूरी कोशिश घटना को हादसा साबित करने की है। उन्होंने कहा कि पुलिस का यह रवैया लोगों को बेहद परेशान करने वाला है।
मालीवाल कहा कि इससे ज्यादा अचरज की बात कोई दूसरी नहीं होगी कि पुलिस की पूरी फौज अस्पताल में मौजूद है लेकिन अभी तक मामले की एफआईआर तक नहीं दर्ज हुई है। उनका कहना था कि इस मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि इससे भी ज्यादा अचरज की बात यह है कि आरोपी शख्स अभी भी विधायक बना हुआ है। न तो उसे विधानसभा से निकाला गया और न ही बीजेपी ने उसे अपनी पार्टी से निकाला। उन्होंने कहा कि वह मानवता के हित में आप से उसे तत्काल पार्टी से निकालने की अपील करती हैं।
इसके साथ ही उन्होंने मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराने की मांग की।
उन्होंने कहा कि मामला इतना गंभीर है कि वह खुद को नहीं रोक सकीं और दिल्ली से लखनऊ पीड़िता को मदद देने के लिए आ गयीं। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का भी गहरा दुख है कि अभी तक किसी सरकारी एजेंसी के तौर पर वही और वही पहली पीड़िता को देखने और उससे मिलने वाली सदस्य बनी हुई हैं। योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में उन्होंने उनसे मिलने की भी गुजारिश की है।