Wednesday, June 7, 2023

ओड़ीसा से निकली किसान यात्रा का योगी प्रशासन ने आगे बढ़ना किया मुश्किल

(ओड़ीसा से निकली किसानों की ‘दिल्ली चलो चेतना यात्रा’ को न तो ओड़ीसा न झारखंड और न ही बिहार में किसी परेशानी का सामना करना पड़ा। लेकिन जैसे ही यात्रा यूपी के बॉर्डर पर पहुंची उनकी परेशानी शुरू हो गयी। पहले तो प्रशासन ने उन्हें सीमा के भीतर प्रवेश ही नहीं करने दिया। और जहां उनके रुकने की व्यवस्था थी पुलिस ने उसको छिन्न-भिन्न कर दिया। पुलिस ने न केवल वहां उत्पात मचाया बल्कि उसके आयोजकों को थाने में बैठा लिया। इस पूरी यात्रा और उसके सामने आ रही परेशानियों की कहानी खुद उन लोगों के मुंह से सुनिये जो इस यात्रा में शरीक हैं या फिर उसे बाहर से समर्थन दे रहे हैं-संपादक)

कल शाम ओड़ीसा के जत्थे में शामिल हिमांशु तिवारी से बात हुई। बोले- मोहनियां क्रॉस कर रहे हैं। कुछ देर में बिहार से निकल जायेंगे। लेकिन देर रात प्रभात (पटना) के फेसबुक पोस्ट से पता चला कि उड़ीसा के जत्थे को बनारस में जहां ठहरना था, प्रशासन ने वहां ताला जड़ दिया। किसी को रुकने की इजाजत नहीं है! नतीजन जत्था मोहनियां में ही रुक गया।

गत 16 जनवरी की रात ओड़ीसा के कारवां के नेतृत्वकर्ता अक्षय और हिमांशु तिवारी को मैंने मजाक में ही कहा था- अभी तक आप गैर भाजपा शासित राज्यों में यात्रा करते रहे हैं। कल से, झारखंड से निकलते ही आपका मार्ग थोड़ा दुर्गम हो जायेगा। उन्हेंने हंसते हुए कहा था- बिहार के मित्रों ने आश्वस्त किया है कि वे हर चुनौती के लिए तैयार हैं।

बिहार में इनका जोरदार स्वागत हुआ भी। लेकिन ‘पूर्ण’ भाजपा राज में रात जो हुआ उसे किसी सरकार की नीचपने की इंतेहा ही कही जा सकती है।

kisan yatra3

उधर सुप्रीम कोर्ट ने 26 की किसानों की ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाने से मना कर दिया; इधर योगी सरकार की तानाशाही पर उतारू है। उसके बाद आरा से सुशील ने बताया कि योगी सरकार की जिद का जवाब देने की तैयारी हो रही है। खबर है कि सरकार किसानों के कारवां को चंदौली के पास जीटी रोड पर रोकेगी। और तब वहीं एक नया ‘सिंधु बॉर्डर’ बनेगा। बिहार से सैकड़ों वाहन-ट्रैक्टर सहित कूच करने को तैयार हैं।

यात्रा में शामिल पटना के विनोद रंजन ने बताया कि एक इरादा रेलवे ट्रैक को जाम करने का भी है। हालांकि मैंने इस पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।

अन्य मित्रों के हवाले से:

“अभी मेरी बात रामधीरज भाई  और विनोद रंजन से हुई। भुवनेश्वर से दिल्ली चलो किसान यात्रा पर उत्तर प्रदेश प्रशासन ने रोक लगा दी है। यात्रा में शामिल सभी साथी मोहनिया में रुके हुए हैं। आगे रणनीति पर विचार करने के लिए बैठक होने वाली है। एक बार फिर  यूपी प्रवेश के लिए कोशिश होगी। हो सकता है एक मोर्चा मोहनिया में खोल दिया जाय। (ओमप्रकाश, जमशेदपुर से पटना तक यात्रा में शामिल साथी)

“किसान चेतना यात्रा में शामिल उड़ीसा के किसानों को यदि यूपी बोर्डर पर रोका गया तो यहीं से किसानों के आक्रामक आंदोलन का आगाज होगा।

बिहार के किसान भी साथ हुए उड़ीसा के किसानों की यात्रा में; आज उन्हें रोका गया तो यह भी तय है यहीं से शुरू होगी आर-पार की लड़ाई।

किसान आंदोलन के समर्थक और बदलाव में आस्था रखने वाले साथियों तैयार हो जाओ। एक तरह से यह युद्ध का आमंत्रण है। 

kisan yatra2

उड़ीसा के किसानों का “दिल्ली चलो चेतना रैली” को आज दोपहर  मोहनिया में भोजन के बाद यूपी की सीमा में प्रवेश करना था। पटना के धनरुआ से लेकर मोहनिया के बीच  बिहार के किसानों  का अभूतपूर्व जनसमर्थन मिलने के चलते यह यात्रा निर्धारित समय से सात घंटे बाद रात्रि साढ़े आठ बजे मोहनियां पहुंची।  जहां मोहनियां संजीवनी स्कूल में हजारों किसान यात्रा में शामिल किसानों के साथ अपनी एकजुटता दिखाने के लिए इंतजार कर रहे थे।

इधर खबर मिली कि यूपी में वाराणसी में जहां उड़ीसा के किसानों को ठहरने की व्यवस्था की गई थी वहां यूपी पुलिस ने जमकर उत्पात मचाया है और आयोजकों को थाने में बैठा लिया है। रामगढ़ विधायक सुधाकर सिंह ने तत्काल संजीवनी विद्यालय में उनके ठहरने की व्यवस्था की। तय हुआ सुबह के नाश्ते के बाद 9 बजे कैमूर के किसान भी उड़ीसा के साथियों को उन्हें यूपी सीमा में प्रवेश दिलाने जाएंगे और उन्हें रोका गया तो वहीं विरोध और सत्याग्रह शुरू होगा।

गांधी, लोहिया और जयप्रकाश के विचारों से लैस किसानों का उड़ीसा से चला यह जत्था ‘न मारेंगे और न मानेंगे’ के संकल्प के साथ आज यूपी में हर हाल में प्रवेश करेगा। यात्रा का नेतृत्व कर रहे उड़ीसा के किसान नेता अक्षय कुमार, जो राष्ट्रीय किसान समन्वय समिति के प्रमुख सदस्य भी हैं, ने कहा कि हम यूपी की बर्बर सत्ता की चुनौती को स्वीकार करते हुए कल यूपी में प्रवेश करेंगे। अब उनके साथ बिहार के किसान भी होंगे। रामगढ़ विधायक सुधाकर सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हमारा संवैधानिक अधिकार है। यदि इसे छीना गया तो ईंट से ईंट बजा कर रख दिया जाएगा। यूपी से बिहार के कैमूर जिले का यह हिस्सा रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में आता है और सुधाकर सिंह  यहां के स्थानीय विधायक भी हैं।

-कुमार दिनेश, संघर्ष वाहिनी, धनरुआ; 18 जनवरी

इस बीच गहमर से ईश्वर चंद्र और इलाहाबाद से रामधीरज और मिर्जापुर से अरुण (तीनों वाहिनी के) भी जत्थे में शामिल हो चुके हैं।

(श्रीनिवास की प्रस्तुति।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of

guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles