संसद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, विपक्ष का ओम बिड़ला की ‘शाम की चाय’ का बहिष्कार

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नई दिल्ली। संसद को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। और लोकसभा का बजट सत्र गुरुवार को समाप्त हो गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है क्योंकि विपक्षी सांसदों ने अपना विरोध जारी रखा है। गुरुवार को सदन की बैठक शुरू होते ही विरोध शुरू हो गया। लोकसभा को अनिश्चिकाल के लिए स्थगित करने की सूचना पर 13 विपक्षी दल ओम बिड़ला द्वारा आयोजित ‘शाम की चाय’ का बहिष्कार करने की घोषणा की है।

विपक्ष और सत्ता पक्ष के विरोध के कारण 13 मार्च को बजट सत्र शुरू होने के बाद से लोकसभा की कार्यवाही बाधित हुई है। जहां विपक्ष ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले की संयुक्त संसदीय समिति की जांच की मांग की, वहीं भाजपा कांग्रेस नेता राहुल गांधी से उनके लोकतंत्र पर लंदन में की गई टिप्पणी के लिए माफी मांगने की मांग जारी रखे हुए है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी लोकसभा में अपनी टिप्पणी पर सफाई के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से समय भी मांगा था, लेकिन उसके कुछ दिनों बाद ही उनको लोकसभा सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया। क्योंकि सूरत की एक अदालत ने मानहानि के मामले में उन्हें सजा सुनाई थी। लेकिन कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों का अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच की मांग को लेकर विरोध जारी है।

गुरुवार को भी कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने संसद भवन से विजय चौक तक ‘तिरंगा मार्च’ निकाला, जिसमें आरोप लगाया गया है कि भाजपा द्वारा “लोकतंत्र पर हमला किया जा रहा है।” द्रमुक, समाजवादी पार्टी, राजद और राकांपा जैसे समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के सांसदों और कांग्रेस के अलावा वाम दलों के सांसदों ने सुबह 11.30 बजे अपना मार्च शुरू किया। मार्च के बाद, पार्टियों के फ्लोर नेता कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “हम अडानी मामले में जेपीसी जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन जब पैनल में बहुमत होगा तो सरकार डर क्यों रही है।”

संसद से विजय चौक तक ‘तिरंगा मार्च’ निकालने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार लोकतंत्र की बात तो बहुत करती है लेकिन बात पर अमल नहीं करती। बजट सत्र को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘12 मिनट में बिना चर्चा के 50 लाख करोड़ रुपये का बजट पास हो गया।’

अडानी मामले में जेपीसी जांच की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बाद गुरुवार को राज्यसभा को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। कागजात रखे जाने के तुरंत बाद विपक्षी सदस्य अडानी मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग कर रहे थे और नारेबाजी कर रहे थे। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सरकार पर जेपीसी जांच का आदेश नहीं देने का आरोप लगाते हुए अडानी मुद्दे को उठाने की मांग की।

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “आज फिर कांग्रेस सांसदों और अन्य विपक्षी नेताओं ने सदन में हंगामा किया। देश देख रहा है कि कांग्रेस क्या कर रही है। कांग्रेस न तो भारत के संविधान में विश्वास करती है। न ही कानून का सम्मान करती है।”


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