2019 में RRB NTPC ने कुल 103739 विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसकी परीक्षा 2021 में संपन्न हुई और इसका परिणाम हाल ही में 15 जनवरी को घोषित हुआ है। इसमें भारी धांधली की आशंका जाहिर करते हुए गुस्साए छात्र-छात्राओं ने पटना और आरा रेलवे ट्रैक पर इकट्ठा होकर ट्रेनों की आवाजाही को ठप कर दिया। इस पर सत्ता ने छात्रों को उनके अपने अधिकार को मांगने पर उन पर लाठी चार्ज की और आंसू गैस के गोले दागे।
नौजवानों की बेरोजगारी की स्थिति और उन पर पुलिसिया दमन के खिलाफ ‘भगत सिंह छात्र मोर्चा’ ने बीएचयू विश्वनाथ मंदिर पर इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन करते हुए एक सभा की, जिसे बीएचयू प्रशासन ने रोकने की कोशिश की और छात्र-छात्राओं से हाथापाई भी की गई। इसके आलावा कुछ एबीवीपी के लंपट गिरोह ने सरकार के प्रति अपनी वफादारी दिखाते हुए अड़चन उत्पन करने की असफल कोशिश की। इस बीच भगत सिंह छात्र मोर्चा ने पुरजोर तरीके से अपनी बात रखी और विरोध प्रदर्शन को मजबूती से संपन्न किया। सरकार से मांग की कि इस धांधली उचित करवाई करे और दोषियों पर कार्यवाही करे।
सभा में आकांक्षा ने अपनी बात रखते हुए कहा कि देश में भारी निजीकरण की वजह से नौकरियों की काफी कमी हो रही। ऊपर से विरोध प्रदर्शन के दबाव में कुछ वेकैंसी आती भी है तो कभी पेपर लीक तो कभी घूस लेकर नौकरी देने की घटना सामान्य सी बात हो गयी है।

अनुपम ने अपनी बात को छात्र-छात्राओं की आत्महत्या पर केंद्रित करते हुए कहा कि बेरोजगारी का आलम यह है कि इलाहाबाद में जहाँ लाखों छात्र-छात्राएं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी छोटे-छोटे कमरे में रहते हुए करते हैं, हर रोज किसी न किसी की आत्महत्या की खबर मिल ही जाती है। लगातर नौकरियों की कमी ने अच्छी शिक्षा के बावजूद नौजवानों को बेरोजगार कर दिया है जो उन्हें भयानक अवसाद की ओर धकेल दिया है।
इस बीच युद्धेश ने बेरोजगारी पर गीत ‘जूता हमार टूट गईल नौकरी के खोज में’, जैसे गाने गाए और जन गीत के माध्यम से युवाओं से अपील की कि वो अपने हक़ अधिकार के लिए सामने आएं और इसकी लड़ाई लड़ें।
सभा का संचालन उमेश ने किया और समापन में अपनी बात रखते हुए कहा कि इस भयानक बेरोजगारी और दमन के खिलाफ भगतसिंह छात्र मोर्चा नौजवानों को अपने हक़ अधिकार के लिए गोलबंद करेगा और एक बड़ी व लंबी लड़ाई लड़ेगा।
एनटीपीसी के परिणाम में व्यापक धांधली एवं ग्रुप डी के परीक्षा में cbt-1 एवं cbt 2 लेने की तुगलकी फरमान का इंकलाबी नौजवान सभा (इनौस) ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए धांधली व मनमानापूर्ण फैसले के खिलाफ चल रहे आंदोलन का समर्थन किया है।

इंकलाबी नौजवान सभा (इनौस) के प्रदेश सचिव सुनील मौर्य ने बताया कि रेलवे ग्रुप डी की 103739 पद की बहाली के लिए 2019 में रेलवे बोर्ड ने नोटिफिकेशन जारी किया था। जिसमे केवल एक ही परीक्षा(पिटी) की बात थी। लेकिन 23 जनवरी 2022 को 3 वर्ष बाद बोर्ड ने इसमें दो चरण (एक पिटी और मेंस) के लिए नोटिफिकेशन जारी किया, जबकि 23 फरवरी 22 से परीक्षा होनी है।
इसके अलावा RRB NTPC – 35277 पद के लिए – 2019 में नोटिफिकेशन जारी किया। जिसका परीक्षा 2021 में पूर्ण हुआ। इसका रिजल्ट 15 जनवरी 2022 को प्रकाशित किया। जिस में भारी गड़बड़ी हुई है। हमारी मांग है कि रेलवे बहाली के रिवाइज्ड रिजल्ट और एक कट ऑफ बनाया जाए। नोटिफिकेशन के अनुसार सीट का 20 गुना रिजल्ट प्रकाशित हो। जो कि 11 गुना रिजल्ट ही है।
उन्होंने कहा कि लोक सेवा आयोग की तरह रेलवे अपने बहालियों का कैलेंडर जारी करे।
इनौस के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि केंद्र की सरकार दो करोड़ रोजगार देने का वादा करके सत्ता में आई लेकिन नौजवानों को रोजगार देना नहीं चाहती। भाजपा सरकार रोजगार विरोधी युवा विरोधी नीतियों को लागू कर रही है। इसके खिलाफ उत्तर प्रदेश के अंदर भाजपा को सबक सिखाने के लिए नौजवानों को तैयार रहना चाहिए। उन्होंने बिहार में चल रहे आंदोलन के साथ उत्तर प्रदेश में चल रहे आंदोलन को जोड़ने की अपील की ताकि एक व्यापक आंदोलन रोजगार के सवाल पर खड़ा किया जा सके।