पटना। बीपीएससी (बिहार लोक सेवा आयोग) पेपर लीक, फिर से परीक्षा कराने और अभ्यर्थियों पर हुए बर्बर पुलिस दमन के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर भाकपा-माले, सीपीआई, सीपीएम, और कांग्रेस के सांसद-विधायकों ने आज राजभवन तक मार्च किया।
पटना प्रशासन ने मार्च को रोकने के लिए बार-बार बैरिकेड्स लगाए और प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन विधायक बाधाओं को पार कर राजभवन तक पहुंचने में सफल रहे।
विधानसभा के समीप सत मूर्ति से दिन के 2 बजे मार्च शुरू होते ही प्रशासन ने गेट लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की। माले के पालीगंज विधायक संदीप सौरभ ने गेट को धकेलकर खोल दिया, जिसके बाद प्रदर्शनकारी आगे बढ़ गए।
मार्च के दौरान पुलिस ने बैनर छीनने और प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास किया। धक्का-मुक्की के दौरान आरा के सांसद सुदामा प्रसाद गिर गए, जिससे उनके पैर में हल्की चोट आई।
इसके बाद मार्च को इको पार्क और अन्य दो स्थानों पर भी रोका गया, लेकिन विधायक हर बार बैरिकेड्स को पार करते हुए आगे बढ़ते रहे।
राजभवन के ठीक पहले प्रशासन ने मजबूत बैरिकेडिंग की, लेकिन इसी बीच राजभवन से वार्ता का प्रस्ताव आया। इसके बाद विधायकों का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचा।
मार्च का नेतृत्व माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, उपनेता सत्यदेव राम, कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद, सीपीआई के रामरतन सिंह, और सीपीएम के अजय कुमार ने किया।
मार्च में आरा सांसद सुदामा प्रसाद, विधान पार्षद शशि यादव, और माले के विधायक संदीप सौरभ, अरुण सिंह, गोपाल रविदास, वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता, महानंद सिंह, अमरजीत कुशवाहा, रामबली सिंह यादव, शिवप्रकाश रंजन के साथ कांग्रेस के समीर महासेठ, प्रतिमा दास और सीपीआई के सूर्यकांत पासवान तथा सीपीएम विधायक सत्येंद्र यादव शामिल थे।
विधायकों ने बीपीएससी पेपर लीक मामले की निष्पक्ष जांच, दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई और परीक्षा की पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करने की मांग की।
(प्रेस विज्ञप्ति)
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