Thursday, April 25, 2024

PMGSY का सब इंजीनियर 6 दिन से नक्सलियों के कब्जे में, पति की तलाश में बच्चे के साथ दर-दर भटक रही है पत्नी

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में गुरुवार को नक्सलियों ने PMGSY के सब इंजीनियर और विभाग के एक प्यून का अपहरण कर लिया था। पूछताछ के बाद प्यून को तो शुक्रवार की रात रिहा कर दिया गया है, लेकिन सब इंजीनियर को अब भी नक्सलियों ने बंधक बना कर रखा है। देर रात प्यून सुरक्षित बीजापुर जिला मुख्यालय पहुंच गया है। प्यून काफी डरा हुआ है और कुछ नहीं बता पा रहा है। इधर सब इंजीनियर की पत्नी अपने मासूम बेटे को लेकर बीजापुर के नक्सलगढ़ अंदरूनी इलाकों में जा कर पति की रिहाई के लिए नक्सलियों से गुहार लगा रही है। 

शुक्रवार की शाम तक जब सब इंजीनियर अजय रोशन लकड़ा घर नहीं पहुंचे तो पत्नी अर्पिता खुद शनिवार की सुबह अपने 3 साल के बच्चे को लेकर जंगल में निकल गईं। अर्पिता ने कहा कि मैं इस इलाके से अनजान हूं। पता नहीं है मुझे जाना कहां है। यही विनती कर रही हूं कि बस पति को किसी तरह से नक्सली छोड़ दें। अर्पिता ने नक्सलियों से अपील की है कि उनके पति निर्दोष हैं। वो बहुत सीधे इंसान हैं। उनकी मां भी बुजुर्ग है। मां समेत उनके और बच्चे की देखभाल करने के लिए उनके अलावा और कोई नहीं है। 

लंच करने आऊंगा कह कर निकले थे

अर्पिता ने बताया कि अंतिम बार गुरुवार की दोपहर पति से बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि अभी काम से जा रहा हूं। कुछ देर बार लंच करने आऊंगा। जब अर्पिता ने 1 बजे कॉल किया तो फोन बंद आया।  3 से 4 घंटे के बाद पता चला कि पति को नक्सली लेकर चले गए हैं।  यह जानकारी भी उनके विभाग के अधकारियों ने दी थी। जिसके बाद से पूरा परिवार घबराया हुआ है।

नक्सलियों ने प्यून को साइकिल देकर किया रिहा

बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने बंधक बनाए प्यून लक्ष्मण परतगिरी को साइकिल दी और कहा अब तुम जाओ। लक्ष्मण ने सब इंजीनियर को भी छोड़ने को कहा लेकिन नक्सली नहीं माने। सूत्र बताते हैं कि इन दोनों का अपहरण करने के बाद नक्सली इन्हें अलग-अलग जगहों पर बंधक बना कर रखे हुए थे। 

सड़क निर्माण का जायजा लेने गए थे दोनों

बीजापुर जिले के धुर नक्सल प्रभावित इलाके गोरना गांव में करोड़ों रुपए की लागत से सड़क निर्माण का काम चल रहा है। यह इलाका पूरी तरह से माओवादियों का गढ़ है। इसी सड़क निर्माण के काम का जायजा लेने के लिए गुरुवार को PMGSY के सब इंजीनियर अपने साथ विभाग के प्यून को लेकर गए थे। यहीं से माओवादियों ने दोनों का अपहरण किया था।

(बस्तर से जनचौक संवाददाता तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

AICCTU ने ऐप कर्मियों की मांगों को लेकर चलाया हस्ताक्षर अभियान, श्रमायुक्त को दिया ज्ञापन।

दिल्ली के लाखों ऐप कर्मचारी विषम परिस्थितियों और मनमानी छटनी से जूझ रहे हैं। उन्होंने कम प्रति ऑर्डर रेट, अपर्याप्त इंसेंटिव्स, और लंबे कार्य समय के खिलाफ दिल्ली भर में हस्ताक्षर अभियान चलाया। ऐप कर्मचारी एकता यूनियन ने बेहतर शर्तों और सुरक्षा की मांग करते हुए श्रमायुक्त कार्यालय में ज्ञापन दिया।

ग्राउंड रिपोर्ट: पुंछ में केसर उत्पादन की संभावनाएं बढ़ीं

जम्मू के पुंछ जिले में किसान एजाज़ अहमद पांच वर्षों से केसर की सफल खेती कर रहे हैं, जिसे जम्मू विश्वविद्यालय ने समर्थन दिया है। सरकार से फसल सुरक्षा की मांग करते हुए, अहमद पुंछ को प्रमुख केसर उत्पादन केंद्र बनाना चाहते हैं, जबकि महिला किसानों ने भी केसर उत्पादन में रुचि दिखाई है।

ग्राउंड रिपोर्ट: बढ़ने लगी है सरकारी योजनाओं तक वंचित समुदाय की पहुंच

राजस्थान के लोयरा गांव में शिक्षा के प्रसार से सामाजिक, शैक्षिक जागरूकता बढ़ी है। अधिक नागरिक अब सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं और अनुसूचित जनजाति के बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। यह प्रगति ग्रामीण आर्थिक कमजोरी के बावजूद हुई है, कुछ परिवार अभी भी सहायता से वंचित हैं।

Related Articles

AICCTU ने ऐप कर्मियों की मांगों को लेकर चलाया हस्ताक्षर अभियान, श्रमायुक्त को दिया ज्ञापन।

दिल्ली के लाखों ऐप कर्मचारी विषम परिस्थितियों और मनमानी छटनी से जूझ रहे हैं। उन्होंने कम प्रति ऑर्डर रेट, अपर्याप्त इंसेंटिव्स, और लंबे कार्य समय के खिलाफ दिल्ली भर में हस्ताक्षर अभियान चलाया। ऐप कर्मचारी एकता यूनियन ने बेहतर शर्तों और सुरक्षा की मांग करते हुए श्रमायुक्त कार्यालय में ज्ञापन दिया।

ग्राउंड रिपोर्ट: पुंछ में केसर उत्पादन की संभावनाएं बढ़ीं

जम्मू के पुंछ जिले में किसान एजाज़ अहमद पांच वर्षों से केसर की सफल खेती कर रहे हैं, जिसे जम्मू विश्वविद्यालय ने समर्थन दिया है। सरकार से फसल सुरक्षा की मांग करते हुए, अहमद पुंछ को प्रमुख केसर उत्पादन केंद्र बनाना चाहते हैं, जबकि महिला किसानों ने भी केसर उत्पादन में रुचि दिखाई है।

ग्राउंड रिपोर्ट: बढ़ने लगी है सरकारी योजनाओं तक वंचित समुदाय की पहुंच

राजस्थान के लोयरा गांव में शिक्षा के प्रसार से सामाजिक, शैक्षिक जागरूकता बढ़ी है। अधिक नागरिक अब सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं और अनुसूचित जनजाति के बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। यह प्रगति ग्रामीण आर्थिक कमजोरी के बावजूद हुई है, कुछ परिवार अभी भी सहायता से वंचित हैं।