महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में छात्राओं के आपत्तिजनक विडियों लिक होने के प्रकरण में आंदोलनरत छात्राओं के आंदोलन के दमन के विरोध और लखीमपुर में दो दलित बहनों के साथ बालात्कार के बाद हत्या कर दिए जाने की घटना के विरोध में 20 सितम्बर को हिंदी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के द्वारा एकजुटता मार्च व प्रतिरोध सभा का आयोजन किया गया।
विश्वविद्यालय के सावित्री बाई फुले छात्रावास से विद्यार्थियों के द्वारा विभिन्न नारे लगाते हुए – छात्राओं के साथ हो रही यौन उत्पीड़न के गतिविधियों पर रोक लगाओ, विश्वविद्यालय में लोकतांत्रिक माहौल कायम करो, GSCASH कमेटी का गठन करो, लखीमपुर के मामले की जाँच कर दोषियों पर कार्यवाही करो, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय की छात्राओं के समर्थन में आगे आओ आदि के साथ मार्च किया गया जो कि समता भवन (अम्बेडकर प्रतिमा स्थल) पर पहुँचकर एक प्रतिरोध सभा में तब्दील हो गया।

सभा में वक्ताओं ने अपनी बात रखते हुए चंडीगढ़ विश्वविद्यालय की छात्राओं के साथ एकजुटता जाहिर की व चंडीगढ़ विश्विविद्यालय प्रशासन और पंजाब सरकार पर विभिन्न सवाल खड़ा किया। उत्तर-प्रदेश के लखीमपुर जिले में दो दलित बहनों को अपरहण कर उनका समूहिक बालात्कार कर हत्या दिए जाने की घटना की भी कड़े शब्दों में भर्त्सना करते हुए, राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया। उत्तर-प्रदेश में लगातार दलित और महिलाओं के साथ हिंसा और यौन-उत्पीड़न की घटनाये बढ़ती जा रही है इन सभी बातों पर प्रकाश डाला। इन सभी घटनाओं के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

साथ ही हिंदी विश्वविद्यालय में महिला सेल के निष्क्रिय कार्यविधि की तरफ ध्यान आकृष्ट करवाते हुए सवाल खड़ा किया कि कुछ समय पूर्व हिंदी विश्वविद्यालय में पुरुष मेस कर्मी के द्वारा लड़कियों के आपत्तिजनक तस्वीरें खीचना और विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा पूरे प्रकरण को रफादफा कर दोषियों पर कार्यवाही से मुक्त करना प्रशासन और कथित महिला सेल की भूमिका पर सवाल खड़ा किया। विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को एक सुरक्षित माहौल मुहैया करने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय में जीएस कैश के विभिन्न प्रावधानों को लागू किये जाने की बात की गई। सभा का संचालन रामचंद्र ने किया। मार्च और प्रतिरोध सभा में मुख्य रूप से विश्वविद्यालय के 50-60 छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
– वर्धा से स्वत्रंत पत्रकार राजेश सारथी की रिपोर्ट
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