Saturday, June 10, 2023

किस्सागोई

उर्दू के क्लासिक अदब को जिंदा कर गए शम्सुर्रहमान फारूकी

यह सन् 1998 की बात है। तब मैं प्रकाशन विभाग से निकलने वाली उर्दू मैगजीन आज कल में सब एडिटर था और मेरे संपादक थे शम्सुर्रहमान फारूकी के भाई महबूब रहमान फारूकी साहब। तब शम्सुर्रहमान साहब का एक मजमून...

हमारा नीरो क़िस्सागो है!

एक बार की बात है, जम्बूद्वीप में एक राजा था। बड़ा ही किस्सागो। जैसा की चलन है कि हर राजा में कुछ न कुछ विशेष होना ही चाहिए, जैसे रोम के राजा को बांसुरी बजाने में महारत थी। जर्मनी...

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अन्याय के 1000 दिन, प्रतिरोध और आंदोलन के हजार दिन!

नई दिल्ली। “यह 1000 दिनों की कैद के साथ-साथ 1000 दिनों का प्रतिरोध भी है। उमर खालिद यह सुनकर...