Wednesday, April 24, 2024

कश्मीर

क्या भारत को इंतजार है लोकतंत्र की बड़ी लड़ाई का?

इस बार संसद के शीतकालीन सत्र के नहीं होने के आसार हैं। सत्र के स्थगित होने जैसे मुद्दे को मीडिया और राजनीतिक पार्टियों ने जरूरी गंभीरता से नहीं लिया है। अगर गौर से देखें तो लोकतंत्र की नींव हिलाने...

बाइडेन ने ही किया था मोदी के वीजा बहाली संबंधी कई सिफारिशों को खारिज

नरेंद्र मोदी कार्यकाल-2 भारत में मानवाधिकारों के हनन का काल साबित हुआ है। फिर चाहे वो असम एनआरसी से 19 लाख लोगों की नागरिकता छीनना रहा हो, चाहे जम्मू-कश्मीर की पहचान छीनने के लिए डेढ़ साल तक कश्मीरी लोगों...

एक ख़ुशनुमा भारत की तस्वीर है बासित और शोएब की कहानी

कुछ कहानियां जरूर बताई जानी चाहिए। NEET (नीट) यानी नेशनल एलिजिबिल्टी एंट्रेंस टेस्ट में दो मुस्लिम बच्चों, शोएब आफ़ताब और बासित बिलाल खान दो अलग अलग स्थितियों का सामना करते हुए टॉप स्कोरर बने। शोएब आफ़ताब को 720 में...

जयंती पर विशेष: निदा ने मुल्क के लिए छोड़ दिया था मां-बाप को

दोहा जो किसी समय सूरदास, तुलसीदास, मीरा के होंठों से गुनगुना कर लोक जीवन का हिस्सा बना, हमें हिंदी पाठ्यक्रम की किताबों में मिला। थोड़ा ऊबाऊ। थोड़ा बोझिल, लेकिन खनकती आवाज़, भली सी सूरत वाला एक शख्स, जो आधा...

बचा-खुचा लंगड़ा लोकतंत्र भी हो गया दफ्न!

आह, अंततः लोकतंत्र बेचारा चल बसा। लगभग सत्तर साल पहले पैदा हुआ था, बल्कि पैदा भी क्या हुआ था। जैसे-तैसे, खींच-खांच कर बाहर निकाला गया था। अविकसित, अपूर्ण, रुग्ण। उम्मीद थी कि एक बार जैसे-तैसे बाहर आ जाएगा और...

अब कश्मीर हमारा अंदरुनी मसला कैसे रहा!

वैसे तो कश्मीर तब से ही भारत का अभिन्न अंग है, जब से उसका भारत में विलय हुआ है, लेकिन पांच अगस्त, 2019 के बाद से वह ऐसा और इतना ‘अभिन्न अंग’ हो गया है कि वहां केंद्र सरकार...

कश्मीर बताता है कि भारत कैसे विक्षिप्त जुनूनी तत्वों की गिरफ्त में है!

ओफ! कश्मीर अब पूरी तरह से एक जुनूनी ताकतवर व्यक्ति की विध्वंसकता का शिकार बन चुका है। मोदी कश्मीर का उद्धार करने का दंभ भरते हैं और दिन प्रति दिन उसकी पूरी बर्बादी की कहानी रच रहे हैं। वे...

कश्मीर मुद्दे पर चुप रहने वाले राष्ट्रद्रोहीः कन्नन

लखनऊ। कश्मीर के मुद्दे पर इस्तीफा देने वाले आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने अहम बात कही है। उन्होंने कहा है कि जो लोग कश्मीर के मुद्दे पर चुप हैं वे राष्ट्र-द्रोही हैं, क्योंकि देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का...

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स्मृति शेष: सत्यजीत राय- वह जीनियस फ़िल्मकार जिसने पहली फिल्म से इतिहास रचा

सत्यजित राय देश के ऐसे फ़िल्मकार हैं, जिनकी पहली ही फ़िल्म से उन्हें एक दुनियावी शिनाख़्त और बेशुमार शोहरत...