जाति
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मनोज झा-ग़ज़ाला जमील का लेख: सामाजिक न्याय ‘पहचान की राजनीति’ नहीं, धड़कते दिलों की उम्मीद है
भारत में जाति को लेकर मुख्य समझ एक सांस्कृतिक परिघटना के रूप में जाति के विचार पर केंद्रित रही है। जाति और व्यापक सामाजिक न्याय की मांग करने वाली राजनीति का मजाक उड़ाते हुए 'पहचान की राजनीति' बताया जाता...
बीच बहस
बिहार के चुनावों में मीडियाः तमाशबीन या खिलाड़ी?
बिहार में एनडीए किसी तरह दोबारा सत्ता में आ गया है। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी को मीडिया ऐसी शाबासी दे रहा है, जैसे उन्होंने चुनाव में जीत का कोई रिकार्ड बना लिया हो। बेहिसाब पैसा, टीवी चैनलों को प्रोपैंगडा...
संस्कृति-समाज
भारतीय समाज में जारी सतत हिंसा अब बन गयी है सभ्यता का हिस्सा
Janchowk -
"मैं राइटर बनना चाहता था....और साइंटिस्ट भी... फिर सोचा कि शायद साइंस का राइटर बन जाऊंगा। कुछ भी न हुआ साला! क्योंकि पैदा जहां हुआ वहां पैदा होना ही एक भयानक एक्सीडेंट जैसा था।"ये 'आर्टिकल 15' के एक अहम...
Latest News
ग्राउंड रिपोर्ट: रोजी-रोटी, भूख, सड़क और बिजली-पानी राजनांदगांव के अहम मुद्दे, भूपेश बघेल पड़ रहे हैं बीजेपी प्रत्याशी पर भारी
राजनांदगांव। लोकसभा 2024 में राजनांदगांव की सीट काफी दिलचस्प मानी जा रही है। इस सीट पर पूर्व सीएम भूपेश...
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