त्रासदी
बीच बहस
हाथरस घटना: यदि अब भी आप भयभीत नहीं हैं तो फिर आपके साथ कोई समस्या है!
हाथरस की घटना को उत्तर प्रदेश एवं देश में तेजी फैल रही निरंकुश, अराजक, स्वेच्छाचारी और हिंसक मनोवृत्ति से अलग कर एक एकाकी घटना के रूप में प्रस्तुत करने की छटपटाहट मुख्य धारा के मीडिया में स्पष्ट देखी जा...
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बहुसंख्यकवादी नैरेटिव को टेका लगाती फिल्में: स्वातंत्र्यवीर सावरकर
फिल्म जनसंचार का एक शक्तिशाली माध्यम है जो सामाजिक समझ को कई तरह से प्रभावित करता है। कई दशकों...
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