Tuesday, March 19, 2024

राजू पांडेय

ऋषि सुनक की कामयाबी पर हमें क्यों खुश होना चाहिए?

ऋषि सुनक के ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनने के बाद सोशल मीडिया में एक अजीब सा उन्माद देखा गया। कुछ बड़े ही रोचक शीर्षक भी नजरों से गुजरे - ब्रिटेन में ऋषि राज, ऋषि युग लौट आया, सनातनियों के लिए सुनहरा...

क्या कांग्रेस में बदलाव की शुरुआत हो चुकी है?

कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाने वाले कांग्रेस विरोधियों को निराश करते हुए पार्टी के अध्यक्ष पद का बहुप्रतीक्षित और बहुचर्चित चुनाव अंततः लोकतांत्रिक रीति से सफलतापूर्वक संपन्न हो गया और मल्लिकार्जुन खड़गे के रूप में कांग्रेस को एक...

भारत जोड़ो यात्रा : सेकुलर ताकतें अब जनता के बीच जाने की करें तैयारी

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मुख्यधारा के मीडिया की सुर्खियों में नहीं है, यह बात अफसोस से अधिक प्रसन्नता की है। इस यात्रा का उद्देश्य जितना पवित्र है एवं जिस प्रकार एकता और प्रेम का संदेश देते हुए...

प्रोजेक्ट चीता: एक शानदार मीडिया इवेंट लेकिन…

यदि आप भारतीय मीडिया की इस बात पर भरोसा करते हैं कि 'प्रोजेक्ट चीता' चीतों के संरक्षण हेतु प्रारंभ किया गया विश्व में अपने ढंग का अनूठा कार्यक्रम है और इससे भारत के घास के मैदानों की स्थिति में...

विश्व नेता बनने की चाह या अमेरिका का पिछलग्गू बनने की राह

समरकंद में हुए शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन के अवसर पर रूस के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16 सितंबर 2022 के अपने उद्घाटन भाषण में कहा- "मैं जानता हूँ कि आज का युग...

हिंदी एक भाषा नहीं- एक संस्कार, एक जीवन शैली है

हिंदी साहित्य और आलोचना को समृद्ध करने में लगे मनीषी निरंतर यह प्रयास करते रहते हैं कि देश और दुनिया में जो कुछ भी नया घट रहा है उसकी अभिव्यक्ति हिंदी में हो या हिंदी को इतना समर्थ बना...

प्रधानमंत्री का स्वतंत्रता दिवस भाषण: कथनी से ज्यादा करनी का विद्रूप 

आदरणीय प्रधानमंत्री जी का स्वतंत्रता दिवस उद्बोधन कुछ ऐसा था कि जो कुछ उन्होंने कहा वह चर्चा के उतना योग्य नहीं है जितना कि वे मुद्दे हैं जिन पर उनका भाषण केंद्रित होना चाहिए था। वर्ष 2017 में  प्रधानमंत्री जी...

बिहार का घटनाक्रम: खिलाड़ियों से ज्यादा उत्तेजित दर्शक

मैच के दौरान कई बार ऐसा होता है कि मैदान पर खेल रहे खिलाड़ियों से ज्यादा मैच देख रहे दर्शक उत्साहित-उत्तेजित हो जाते हैं; खिलाड़ी तो सौहार्द-संतुलन बनाए रखते हैं किंतु दर्शक आपस में उलझ पड़ते हैं, कभी कभी...

धरती पर मासूमियत को जिंदा रखने का संघर्ष

जब विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर अनेक आयोजन हो रहे हैं तब पता नहीं क्यों उस घटना की ओर ध्यान जा रहा है जिसे भारतीय मीडिया में अपवाद स्वरूप ही चर्चा के योग्य माना गया। कुछ समय पूर्व...

नये भारत की नई न्याय व्यवस्था 

विगत दिनों सुप्रीम कोर्ट के अनेक फैसले नकारात्मक कारणों से चर्चा में रहे। इनमें कुछ फैसले जरा पुराने थे और कुछ एकदम हाल के। इन फैसलों के चर्चा में आने का कारण सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस खानविलकर की...

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पश्चिम बंगाल में दीदी ने कहा-‘आमी एकला लड़बो’

कोलकाता। दीदी ने कह दिया आमी एकला लड़बो, यानी वे अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। इस तरह इंडिया गठबंधन...