Thursday, April 25, 2024

फिराक गोरखपुरी

फ़िराक़ जैसा कोई दूसरा नहीं-मलिकज़ादा मंजूर अहमद

(मलिकज़ादा मंजूर अहमद, उर्दू हलक़े में किसी तआरुफ़ के मोहताज नहीं। 17 अक्टूबर, 1929 को अम्बेडकर नगर (उत्तर प्रदेश) में जन्मे मलिकज़ादा मंजूर एक उम्दा शायर, मुशायरों के जाने-माने नाज़िम (प्रबंधक) और लखनऊ से शाए होने वाले माहनामा 'इम्कान'...

फिराक की पुण्यतिथिः हिंदुस्तान के माथे का टीका और उर्दू ज़बान की आबरू

‘‘एक उम्दा मोती, खु़श लहजे के आसमान के चौहदवीं के चांद और इल्म की महफ़िल के सद्र। ज़हानत के क़ाफ़िले के सरदार। दुनिया के ताजदार। समझदार, पारखी निगाह, ज़मीं पर उतरे फ़रिश्ते, शायरे-बुजु़र्ग और आला। अपने फ़िराक़ को मैं...

स्थापना दिवसः एक और प्रगतिशील लेखक संघ जैसे आंदोलन की जरूरत

10 अप्रैल प्रगतिशील लेखक संघ के स्थापना दिवस का दिन। साल 1936 में आज ही के दिन लखनऊ के मशहूर ‘रफा-ए-आम’ क्लब में प्रगतिशील लेखक संघ का पहला राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न हुआ था। इसमें बकायदा संगठन की स्थापना की...

Latest News

प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर

धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...