Thursday, March 28, 2024

सुरक्षा संवाद

विश्वगुरु भारत बनेगा विश्वचौधरी अमेरिका का मोहरा!

‘जिस बात का खतरा है, सोचो की वो कल होगी’– दुष्यंत की ग़ज़ल का मिसरा है। जितनी तेजी से समाज बदल रहा है, दुष्यंत आज जीवित होते तो लिखते– ‘जिस बात का खतरा है, वो तो बस हुई लो...

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ग्राउंड रिपोर्ट: रीति रिवाजों के नाम पर लैंगिक भेदभाव से मुक्त नहीं हुआ समाज

हमारे समाज में अक्सर ऐसे कई रीति रिवाज देखने को मिलते हैं जिससे लैंगिक भेदभाव स्पष्ट रूप से नज़र आता...