स्वतंत्रता
बीच बहस
सभ्यता के इतिहास के पैमानों पर भारत का किसान संघर्ष
भारत का किसान लगता है जैसे अपनी कुंभकर्णी नींद से जाग गया है। अपने इतने विशाल संख्या-बल के बावजूद संसदीय जनतंत्र में जिसकी आवाज का कोई अलग मायने नहीं रह गया था, फिर भी वह गांव के शांत जीवन...
ज़रूरी ख़बर
नेहरू की बनाई नींव पर खड़ी हुई भारतीय लोकतंत्र की बुलंद इमारत
एक बार नेहरू से किसी ने पूछा कि भारत के लिए उनकी विरासत क्या होगी, तो उन्होंने उत्तर दिया, “यकीनन स्वयं पर शासन करने में सक्षम चालीस करोड़ लोग।” ये लोकतंत्र पर नेहरू का दृढ़विश्वास ही था। महत्वपूर्ण मुद्दों...
ज़रूरी ख़बर
जब पूरा देश एक ही नारे से गूंज उठा! ‘लाल किले से आई आवाज-सहगल, ढिल्लन, शाहनवाज़’
हमारे देश की स्वतंत्रता में यूं तो असंख्य भारतीयों और अनेक तूफानी घटनाओं का योगदान है, लेकिन इन घटनाओं में से कुछ घटनाएं ऐसी हैं, जो आगे चलकर आजादी में निर्णायक साबित हुईं। ‘लाल किला ट्रायल’ ऐसी ही एक...
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चुनावी बांड, पीएम केयर्स दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला: परकला प्रभाकर
राजनीतिक अर्थशास्त्री परकला प्रभाकर ने चुनावी बांड में शामिल फंड की मात्रा को देखते हुए चुनावी बांड मुद्दे को...
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