दुनिया छोड़ जाने के बाद भी सिखाते रहेंगे इब्राहिम अल्काजी
उस समय जबकि नाटक को निचले दर्जे की चीज़ माना जाता था और नाटक करने आए लड़के-लड़कियों को ‘नाचने-गाने वाले’ कहकर दूर हटाया जाता था। [more…]
उस समय जबकि नाटक को निचले दर्जे की चीज़ माना जाता था और नाटक करने आए लड़के-लड़कियों को ‘नाचने-गाने वाले’ कहकर दूर हटाया जाता था। [more…]