Friday, April 26, 2024

ashfaqulla

बेमिसाल थी अशफाकुल्ला और बिस्मिल की दोस्ती, खेल के मैदान से लेकर फांसी के फंदे तक रहा साथ

"कभी तो कामयाबी पर मेरा हिन्दोस्तां होगा। रिहा सैय्याद के हाथों से अपना आशियाँ होगा।।" अंग्रेजी शासन से देश को आज़ाद कराने के लिए हंसते−हंसते फांसी का फंदा चूम कर अपने प्राणों की आहुति देने वाले अशफ़ाक़ुल्ला खान जंग−ए−आजादी के महानायक...

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