समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व और न्याय की भावना के सच्चे प्रतिनिधि थे रैदास
संत रैदास वाणीऐसा चाहूँ राज मैं जहाँ मिलै सबन को अन्न।छोट बड़ो सब सम बसै, रैदास रहै प्रसन्न।।जात-जात में जात हैं, जो केलन के पात।रैदास [more…]
संत रैदास वाणीऐसा चाहूँ राज मैं जहाँ मिलै सबन को अन्न।छोट बड़ो सब सम बसै, रैदास रहै प्रसन्न।।जात-जात में जात हैं, जो केलन के पात।रैदास [more…]