न्याय केवल कागज़ों पर कानून के समक्ष समानता है, लेकिन यह जमीनी हकीकत क्यों नहीं बनी ?

जेंडरिंग इक्वालिटी (भारत में महिला अधिकारों पर न्यायालय के निर्णय), जाति क्यों मायने रखती है (भारत में जातिगत भेदभाव पर न्यायालय के निर्णय), विकलांगता…

यह कैसी सामाजिक समरसता?

वे बोले- ”सामाजिक समरसता के लिए जाति खत्‍म करने की कोई आवश्‍यकता नहीं है। यह तो हमारी धर्म-संस्‍कृति का हिस्‍सा…

आईआईटी में सबसे पहला प्रश्न- तुम्हारी जाति क्या है?

तुम्हारी जेईई की रैंक क्या है? ‘भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान’, यानि आईआईटी में यह पहला सवाल है, जो छात्रावास में आपके…