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राज्य

संवैधानिक मूल्यों को जीने की एक पहल

उनकी आंखों में समता मूलक समाज बनाने का एक सपना जागा है। वे चाहते हैं कि उनके गांव में कोई भूखा, कोई कुपोषित न रहे। [more…]

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बीच बहस

अब सामाजिक और आर्थिक अन्याय के विरुद्ध अलग-अलग संघर्षों का वक्त नहीं

आज के हालात में जब दुनिया भर में राष्ट्रोनमादी, दक्षिणपंथी ताकतों की मुखरता आक्रामक है; भारत पर सांप्रदायिक फासीवाद के बादल मंडरा ही नहीं रहे [more…]