Sunday, June 4, 2023

chhoturam

तानाशाही, लोकतन्त्र और खूंटियों पर संविधान

इस समय जब यह पंक्तियाँ मैं लिख रहा हूँ दिल्ली के सरहद पर एक ओर तो देश के जवान हैं और दूसरी और ‘अन्नदाता’ भूमिपुत्र किसान खड़े हैं। ‘जय जवान-जय किसान‘ के नारे के तहत देश अपने जिन दो...

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यह हादसा नहीं, हत्या है; एक तरह का सामूहिक नरसंहार!

यह हादसा नहीं हत्या है, एक तरह का सामूहिक नरसंहार। और इसके लिए कुदरत नहीं सरकार जिम्मेदार है। यह...