चैतन्य और सौंदर्य से बनती है कला : मंजुल भारद्वाज
चैतन्य और सौंदर्य मिलकर बनाते हैं कला। कला मनुष्य को मनुष्य बनाते हुए इंसानियत का भाव और चैतन्य जगाती है, जहां से जन्मते हैं मानवीय मूल्य [more…]
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