Friday, March 29, 2024

CPI

इंडिया गठबंधन के लिए अब ना-नुकुर करने की गुंजाइश नहीं रही 

नई दिल्ली। मोदी सरकार की चपलता, ढीठपना और विकास के दावों का ढोल अब पहले की तुलना में कई गुना बढ़ चुका है। 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में 3-1 की बढ़त को 5-0 दिखाने की उनकी महारत सर...

ग्राउंड से चुनाव: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में क्या ईसाइयों का वोट सीपीआई को देगा मजबूती?

नारायणपुर। छत्तीसगढ़ का नारायणपुर जिला पिछले साल से ही राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में बना हुआ है। अब चुनाव के दौरान भी नारायणपुर विधानसभा सीट खबरों में एक अलग जगह बना रही है। इसका मुख्य कारण है धर्मांतरण के...

वामपंथी दलों की लखनऊ रैली में गूंजा ‘भाजपा हराओ-INDIA जिताओ’ का नारा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 11 अक्टूबर को वामपंथी दलों ने 'संविधान बचाओ-लोकतंत्र बचाओ' रैली का आयोजन किया, जिसको भाकपा (माले) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई महासचिव डी राजा और फारवर्ड ब्लॉक के...

वन नेशन-वन इलेक्शन: संसद को ‘भक्त जन समिति’ में बदलने की कवायद

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने संसद के विशेष सत्र का एजेंडा अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है। लेकिन अंदरखाने से जो खबरें आ रही हैं वह बहुत ही चौंकाने वाली हैं। कहा जा रहा है कि मोदी सरकार संसद...

उत्तराखंड: विपक्षी दल और सामाजिक संगठन आए साथ, चलाएंगे ‘नफरत नहीं, रोजगार दो’ अभियान

नैनीताल। हाल के दिनों उत्तराखंड में सांप्रदायिक नफरत फैलाने की घटनाओं और उसमें राज्य सरकार की कथित भूमिका के खिलाफ नैनीताल जिले के हल्द्वानी में करीब सभी राजनीतिक दलों और दर्जनों सामाजिक संगठनों ने सद्भावना सम्मेलन का आयोजन किया।...

विपक्षी एकता की तस्वीर तो बनी हुई है, चुनौती है उसमें रंग भरने की

आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को चुनौती देने के लिए 14 विपक्षी दलों के नेताओं का एक साथ बैठना वैसे तो कोई बड़ी घटना नहीं है, लेकिन मौजूदा राजनीतिक माहौल में इसे कमतर भी नहीं माना जा...

भारतीय जनांदोलनों के असाधारण पुरखे स्वामी सहजानंद सरस्वती

आज 26 जून स्वामी सहजानंद सरस्वती का स्मरण दिवस है। वे भारतीय समाज के असाधारण व्यक्तित्व थे। यह सामान्यतः किसी शख्सियत को याद करते समय कहा जाने वाला रस्मी विशेषण नहीं है; उनकी असाधारणता सचमुच में असाधारण थी। यहां...

वामपंथी पार्टियों को पछाड़ने और पीछे छोड़ने में क्यों और कैसे सफल रहा आरएसएस?

"मुझे बहुत रंज है, बहुत तकलीफ है इस बात की कि समाज की जिन परतों पर दरअसल वामपंथियों को काम करना चाहिये था और जो परतें वाम का स्वाभाविक आधार थीं, और उन पर काम करके एक क्रांतिकारी आंदोलन...

उफनते नदी नालों को पार कर आदिवासियों के साथ सीपीआई कर रही है पदयात्रा

कांकेर। सीपीआई की सिलगेर से सुकमा तक प्रस्तावित पदयात्रा शुरु हो गई है। यह पदयात्रा राज्य सरकार की वादाखिलाफी, आदिवासियों को न्याय दिलाने व पेसा कानून लागू किये जाने की मांग को लेकर निकाली जा रही है। मंगलवार को सिलगेर...

भारत की वामपंथी पार्टियों के सामने चुनौतियां

वामपंथी आंदोलन एक वैश्विक परिघटना रही है और इससे जन्म लेने वाली भारत की वामपंथी पार्टियां भी खुद को इस वैश्विक आंदोलन का हिस्सा मानती रही हैं और अब भी मानती हैं। इसकी सबसे मुखर अभिव्यक्ति उनके नामों में...

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ग्रेट निकोबार द्वीप की प्राचीन जनजातियों के अस्तित्व पर संकट, द्वीप को सैन्य और व्यापार केंद्र में बदलने की योजना

आज दुनिया भर में सरकारें और कॉर्पोरेट मुनाफ़े की होड़ में सदियों पुराने जंगलों को नष्ट कर रही हैं,...