Tag: crisis
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मजदूरों के रेल भाड़े की सब्सिडी का तिलिस्म
कोरोना संकट ने जिस तरीक़े से सत्ता और समाज के हर हिस्से के पाखंड को बेनकाब किया है, उसकी कोई और मिसाल नहीं दी जा सकती। हालिया मामला श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के किराये को लेकर मची तू-तू-मैं-मैं का है। जब सोशल मीडिया में आलोचना होने लगी थी कि घर वापस लौट रहे फंसे हुए और…
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अगर यह लड़ाई सिर्फ पीएमओ से लड़ी गई तो हम इसे हार जाएंगे: राहुल गांधी
नई दिल्ली। देश में कोरोना संकट के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रेस से बात की। इस मौक़े पर उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार को जल्द से जल्द छोटे और मध्यम वर्ग के उद्योगों के लिए पैकेज का ऐलान करना चाहिए। प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार को एक…
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असंगठित क्षेत्र और दिहाड़ी मज़दूरों की परवाह से ही पटरी पर लौटेगी अर्थव्यवस्था
भारत के 90 फ़ीसदी लोगों का गुज़र-बसर असंगठित क्षेत्र और दिहाड़ी मज़दूरी के ज़रिये ही होती है। अर्थव्यवस्था में इस तबके का वही मतलब है जो शरीर की कोशिकाओं का है। देश के 90 फ़ीसदी लोगों का भरण-पोषण यही क्षेत्र करता है। कोशिकाओं को ख़ून से पोषण मिलता है। स्वस्थ ख़ून के लिए सन्तुलित भोजन…
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मोदी शासन का असली रोग क्या है !
फ्रायड के मनोविश्लेषण का एक बुनियादी सिद्धांत है – रोगी की खुद की कही बात पर कभी भरोसा मत करो । उसके रोग के पीछे का सच उसकी जुबान की फिसलन, अजीबोग़रीब कल्पनाओं, ऊटपटाँग आचरण में कहीं गहरे छिपा होता है । उस पर नज़र रखो, रोग के निदान का रास्ता खोज लोगे । यह…
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अखबार मरेंगे तो लोकतंत्र बचेगा?
हम गाजियाबाद की पत्रकारों की एक सोसायटी में रहते हैं। वहां कई बड़े संपादकों और पत्रकारों (अपन के अलावा) के आवास हैं। इस सोसायटी में एक बड़े पत्र प्रतिष्ठान के ही पूर्व कर्मचारी अखबार सप्लाई करते हैं। वे बताते हैं कि कोरोना से पहले लोग तीन- तीन अखबार लेते थे। अब कुछ ने अखबार एकदम…
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लीक ख़बर ने तो नहीं फेर दिया रिटायरमेंट की उम्र घटाने के मंसूबों पर पानी
देश में सभी सांसदों के वेतन में 30 फीसद कटौती और दो साल के लिए सांसद निधि पर रोक के बाद सभी केन्द्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को स्थगित किये जाने के बाद पूरे देश में सरकारी कर्मचारियों में भी अनिश्चितता का माहौल है। ऐसे में भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं या…
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संविधान का एक नियम यदि कोरोना की वजह से टल सकता है तो दूसरा क्यों नहीं?
कोरोना की आफ़त की वजह से यदि संविधान का अनुच्छेद 324 निलम्बित हो सकता है तो फिर इसी का अनुच्छेद 75(5) क्यों नहीं? अनुच्छेद 324 से ही चुनाव आयोग का जन्म हुआ है। जबकि अनुच्छेद 75(5) में किसी भी मंत्री या मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री के लिए छह महीने के भीतर अपनी विधानसभा या संसद का…
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कोरोना काल: मेहनतकशों की राह हुई और मुश्किल
इस बार का श्रमिक दिवस आत्म चिंतन के लिए अनेक गहन और गंभीर प्रश्न हमारे सम्मुख उपस्थित कर रहा है। कोरोना के बाद की दुनिया में श्रम के स्वरूप और श्रमिकों की स्थिति को लेकर संशय व्याप्त है। प्रधानमंत्री जी ने कोरोना के बाद की दुनिया की कार्य संस्कृति के विषय में पिछले दिनों एक…