Wednesday, April 24, 2024

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दल-बदल का ‘ज़मीर-फरोश कारोबार’ और फैलती शव संस्कृति

पिछले एक अर्से से लोकतांत्रिक व्यवस्था के वाहक -संचालक गिद्ध गिरोह में बदलते जा रहे हैं। यह गिरोह शवों की  फ़िराक़ में अहर्निश लगा रहता है। जैसे ही शव दिखाई देता या देते हैं, तुरंत ही उस पर बेरहमी...

कमलनाथ न घर के रहे, न घाट के!

यह बात और है कि मौजूदा मोदी सरकार के इस अमृतकाल में हर चीज संभव है। चाहे वह किसी भ्रष्ट नेता को बीजेपी में शामिल करने का मामले हो या फिर किसी परिवारवादी नेता को ही आगे बढ़ाने का।...

राजस्थान में गढ़ी जा रही संविधान की नई परिभाषा

राजस्थान में जारी राजनीतिक घमासान सुप्रीम कोर्ट-हाईकोर्ट के साथ राजभवन के बीच राजस्थान फुटबाल बन गया है। न्यायपालिका और राजभवन संविधान और कानून के शासन की नई परिभाषा गढ़ रहे हैं। अशोक गहलोत सरकार ने राज्यपाल से सेशन बुलाने...

दल-बदल अनैतिक ही नहीं बल्कि जनमत का अपमान भी है

सत्ता की ऐसी भूख कि केन्द्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी द्वारा एक के बाद एक लगातार स्थिर सरकारों को अस्थिर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। केन्द्र में सत्ता हासिल करने के बाद 2014 से ही मोदी...

स्पीकरों की मनमानी से आयाराम-गयाराम की चांदी

माना जाता रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष पद पर आसीन होते ही व्यक्ति दलीय भावना से ऊपर उठ जाता है। लेकिन वास्तविकता में स्पीकर का अधिकतर मामलों में कोई भी निर्णय पार्टी लाइन से अलग नहीं हो पाता है।...

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ग्राउंड रिपोर्ट: तपती गर्मी में खारे पानी की सज़ा

बीकानेर, राजस्थान। "जैसे जैसे गर्मी बढ़ रही है गांव में पानी की समस्या भी बढ़ती जा रही है। जो...