Tag: democracy

  • बिस्मिल-अशफाक के शहादत दिवस 19 दिसंबर को लखनऊ में होगा नागरिकता बिल के खिलाफ विशाल जनप्रतिरोध

    बिस्मिल-अशफाक के शहादत दिवस 19 दिसंबर को लखनऊ में होगा नागरिकता बिल के खिलाफ विशाल जनप्रतिरोध

    देश भर में हो रहे भारी विरोध के बावजूद संसद के दोनों सदनों से विवादित नागरिकता संशोधन विधेयक को पारित करवाने को रिहाई मंच ने संविधान विरोधी करार दिया है। सरकार की तानाशाही के खिलाफ समान विचारधारा वाले संगठनों के साथ मिलकर असहयोग आंदोलन चलाने और पूरे देश में चल रहे जनांदोलनों को धार देने…

  • संघ-भाजपा को अब सेक्युलरिज़्म की चिंता क्यों सताने लगी!

    संघ-भाजपा को अब सेक्युलरिज़्म की चिंता क्यों सताने लगी!

    संघ और भाजपा के कट्टर समर्थकों को भले ही सांप सूंघ गया हो पर उनके प्रच्छन्न समर्थक खामोश नहीं हैं। बहुत से प्रच्छन्न समर्थक शिव सेना और कांग्रेस के साथ आने पर व्यंग्य करते हुए ऐसी टिप्पणियां कर रहे हैं कि सेक्युलरिज़्म की इस जीत पर नेहरू और बाला साहेब ठाकरे साथ-साथ खुश होंगे! बेशक…

  • महाराष्ट्रः लोकतंत्र के लिए नया सवेरा साबित हुआ संविधान दिवस

    महाराष्ट्रः लोकतंत्र के लिए नया सवेरा साबित हुआ संविधान दिवस

    महाराष्ट्र में चार दिन तक चले सियासी  ड्रामे का पटाक्षेप हो गया है। इसका क्लाइमेक्स सोमवार को मुंबई के ग्रैंड हयात होटल में 162 विधायकों की परेड से ही शुरू हो गया था। महाराष्ट्र की सियासत के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार के इस कदम ने देश भर के सामने स्थिति साफ कर दी…

  • रात के अंधेरे में एक बार फिर जिबह हुआ लोकतंत्र!

    रात के अंधेरे में एक बार फिर जिबह हुआ लोकतंत्र!

    यह महाराष्ट्र का इमरजेंसी मोमेंट था। जब रात के अंधेरे में एक बार फिर लोकतंत्र का गला घोंट दिया गया। हत्या में केवल बीजेपी के नेता और केंद्र सरकार ही नहीं बल्कि संवैधानिक संस्थाओं के प्रतिनिधि भी शामिल थे। अगर सूरज निकलने से पहले अल-सुबह 5.47 पर राष्ट्रपति शासन हटाने का गृहमंत्रालय द्वारा नोटिफिकेशन जारी…

  • भारतीय समाज के लोकतंत्रीकरण की लड़ाई आगे बढ़ाने की जरूरत

    भारतीय समाज के लोकतंत्रीकरण की लड़ाई आगे बढ़ाने की जरूरत

    नौ नवंबर 2019 को बाबरी मस्जिद-राम मंदिर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। सरल लोगों की उम्मीद के विपरीत जो यह समझते थे कि राजनीतिक राम का विवाद समाप्त हुआ, अब आगे बढ़ने की जरूरत है, लेकिन केरल जैसे राज्य में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध कुछ लोगों ने गिरफ्तारियां दी…

  • भारत में क्यों विफल हुई वाम लोकतांत्रिक ताकतें? रास्ता किधर है?

    भारत में क्यों विफल हुई वाम लोकतांत्रिक ताकतें? रास्ता किधर है?

    किसी ने सोचा तक न था कि यह देश धर्म के नाम पर इस कदर विभाजित हो जाएगा। सारे मुद्दे गौण हो जाएंगे और एक फासिस्ट ताकत पूरे देश पर काबिज हो जाएगी। आजादी के बाद से ही एक बेहतर समाज के निर्माण का सपना लेकर तरह-तरह की कम्युनिस्ट, समाजवादी और उदार लोकतंत्रवादी ताकतें अपनी…

  • कारपोरेट राजनीति के बदलाव का गांधीवादी तरीका

    कारपोरेट राजनीति के बदलाव का गांधीवादी तरीका

    लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे आने पर कई संजीदा साथियों ने गहरी चिंता व्यक्त की कि नरेंद्र मोदी की एक बार फिर जीत संविधान और लोकतंत्र के लिए बहुत बुरा संकेत हैं। पिछले पांच सालों के दौरान धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील साथियों से यह बात अक्सर सुनने को मिलती है कि हम बहुत बुरे समय से…

  • प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखना ‘लोकतंत्र में अविश्वास’ कैसे?

    प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखना ‘लोकतंत्र में अविश्वास’ कैसे?

    क्या कोई लोकतंत्र सवाल, बहस और सशक्त विपक्ष के बिना निष्पक्षता से काम कर सकता है?  अच्छाई के लिए होने वाले आंदोलनों में जनता और सरकार आमने-सामने होते हैं, लेकिन इस बार सरकार तो है लेकिन जागरूक जनता के कई धड़े बन चुके हैं और वो आपस में ही ‘ज्यादा बुद्धिजीवी कौन’ वाली लड़ाई लड़ने…

  • बीमार लोकतंत्र का लक्षण हैं हिंसक जनप्रतिनिधि

    बीमार लोकतंत्र का लक्षण हैं हिंसक जनप्रतिनिधि

    पिछले कुछ दिनों में अनेक युवा जन प्रतिनिधियों ने गलत कारणों से सुर्खियां बटोरीं। कीचड़बाज नीतेश राणे, बल्लेबाज आकाश विजयवर्गीय और पिस्तौलबाज कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन सभी हिंसा के चैंपियन बनने की कोशिश करते नजर आए। हो सकता है कि आने वाले दिनों में मर्यादा लांघते और अपना संयम खोकर हिंसा और अपराधों को प्रश्रय…