Wednesday, April 24, 2024

education

शिक्षा में हो स्नेह और सम्मान 

कॉलेज में एमए के आखिरी वर्ष में पढ़ने वाली उस छात्रा के आंसू थम ही नहीं पा रहे थे। उसकी समस्या यह थी कि उसके एक वरिष्ठ शिक्षक उसकी बात ही नहीं सुन रहे थे। उसे एक अध्याय का...

   शिक्षा, विकास और नास्तिकता का परस्पर संबंध

धर्म के प्रति मुख्य आकर्षण का एक कारण यह है कि यह अनिश्चित दुनिया में सुरक्षा का काल्पनिक अहसास दिलाता है। लेकिन बावजूद इसके दुनियाभर में नास्तिकता बढ़ रही है। कैलिफ़ोर्निया में क्लेरमोंट के पिटज़र कॉलेज में सामाजिक विज्ञान...

नियुक्ति घोटाला:ममता के मंत्री सीबीआई के घेरे में 

कोलकाता। सरकारी स्कूलों और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में ग्रुप सी, ग्रुप डी और सहायक शिक्षकों के पद पर नियुक्ति के मामले में भारी घोटाला हुआ है। हाईकोर्ट ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी है। ममता बनर्जी की...

नास्तिकता से बेहद गहरा है शिक्षा और विकास का रिश्ता

धर्म के प्रति मुख्य आकर्षण का एक कारण यह है कि यह अनिश्चित दुनिया में सुरक्षा का काल्पनिक अहसास दिलाता है। लेकिन बावजूद इसके दुनिया भर में नास्तिकता बढ़ रही है। कैलिफ़ोर्निया में क्लेरमोंट के पिटज़र कॉलेज में सामाजिक विज्ञान...

मुरादाबाद में एक सरकारी यूनिवर्सिटी बनाने का वादा, जो सबने तोड़ा

आज के दौर में शिक्षा का महत्व बताने वाली पुरानी कहावत है, "जरूरी नहीं रौशनी चिरागों से हो,शिक्षा से भी घर रौशन होते हैं।" इसे मुरादाबाद का दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि दुनियाभर में पीतलनगरी के नाम से...

झारखण्ड की प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा में डिजिटल शिक्षा के झूठ का पर्दाफाश 

कोविड -19 से समाज का हर वर्ग एवं क्षेत्र प्रभावित हुआ है। देखा जाए तो इसका सबसे ज्यादा प्रभाव शिक्षा पर पड़ा है। बता दें कि कोविड काल में शिक्षा पर पड़े प्रभाव को लेकर ज्ञान विज्ञान समिति झारखण्ड व...

ज्योतिबा के जन्मदिन पर विशेष: निरक्षरता है सारी विपत्तियों की जड़

सारी विपत्तियों का आविर्भाव निरक्षरता से हज्योतिबा फुले ने अपनी पुस्तक 'गुलामगिरी' (स्लेवरी) में स्पष्ट लिखा है कि वे अपने देश से अंग्रेजी शासन को उखाड़ फेंकना चाहते थे l ज्योतिबा के छात्र जीवन से ही अंग्रेजी हुकूमत के...

कुरान को उद्धृत कर कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा- महिलाओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं

यह कहते हुए कि पवित्र कुरान मुस्लिम महिलाओं के लिए हिजाब या हेडगियर पहनना अनिवार्य नहीं करता है। 24 वें सूरा के 28-34,58-64.31,59 पारा में जो कुछ भी कहा गया है, हम कहते हैं, केवल निर्देशिका है, हिजाब न...

सामाजिक न्याय: आज़ाद भारत में मनु के द्रोणाचार्य

मानव समाज में शोषण के अनेक रूप रहे हैं जिसमें अलग अलग तरीकों से एक इंसान दूसरे इंसान का शोषण करता रहा है। इन सब रूपों में मूलत: उत्पादन के साधनों और मानव श्रम से पैदा अतिरिक्त पर मिल्कियत...

पुस्तक समीक्षा: सर सैयद को समझने की नई दृष्टि देती है ‘सर सैयद अहमद खान: रीजन, रिलीजन एंड नेशन’

19वीं सदी के सुधारकों में, सर सैयद अहमद खान (1817-1898) कई कारणों से असाधारण हैं। फिर भी, अब तक, अंग्रेजी में उनका कोई व्यापक मूल्यांकन या जीवनी संबंधी लेख उपलब्ध नहीं है। शायद, इस तथ्य के कारण कि सर...

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स्मृति शेष: सत्यजीत राय- वह जीनियस फ़िल्मकार जिसने पहली फिल्म से इतिहास रचा

सत्यजित राय देश के ऐसे फ़िल्मकार हैं, जिनकी पहली ही फ़िल्म से उन्हें एक दुनियावी शिनाख़्त और बेशुमार शोहरत...