Tuesday, March 28, 2023

education

मुरादाबाद में एक सरकारी यूनिवर्सिटी बनाने का वादा, जो सबने तोड़ा

आज के दौर में शिक्षा का महत्व बताने वाली पुरानी कहावत है, "जरूरी नहीं रौशनी चिरागों से हो,शिक्षा से भी घर रौशन होते हैं।" इसे मुरादाबाद का दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि दुनियाभर में पीतलनगरी के नाम से...

झारखण्ड की प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा में डिजिटल शिक्षा के झूठ का पर्दाफाश 

कोविड -19 से समाज का हर वर्ग एवं क्षेत्र प्रभावित हुआ है। देखा जाए तो इसका सबसे ज्यादा प्रभाव शिक्षा पर पड़ा है। बता दें कि कोविड काल में शिक्षा पर पड़े प्रभाव को लेकर ज्ञान विज्ञान समिति झारखण्ड व...

ज्योतिबा के जन्मदिन पर विशेष: निरक्षरता है सारी विपत्तियों की जड़

सारी विपत्तियों का आविर्भाव निरक्षरता से हज्योतिबा फुले ने अपनी पुस्तक 'गुलामगिरी' (स्लेवरी) में स्पष्ट लिखा है कि वे अपने देश से अंग्रेजी शासन को उखाड़ फेंकना चाहते थे l ज्योतिबा के छात्र जीवन से ही अंग्रेजी हुकूमत के...

कुरान को उद्धृत कर कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा- महिलाओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं

यह कहते हुए कि पवित्र कुरान मुस्लिम महिलाओं के लिए हिजाब या हेडगियर पहनना अनिवार्य नहीं करता है। 24 वें सूरा के 28-34,58-64.31,59 पारा में जो कुछ भी कहा गया है, हम कहते हैं, केवल निर्देशिका है, हिजाब न...

सामाजिक न्याय: आज़ाद भारत में मनु के द्रोणाचार्य

मानव समाज में शोषण के अनेक रूप रहे हैं जिसमें अलग अलग तरीकों से एक इंसान दूसरे इंसान का शोषण करता रहा है। इन सब रूपों में मूलत: उत्पादन के साधनों और मानव श्रम से पैदा अतिरिक्त पर मिल्कियत...

पुस्तक समीक्षा: सर सैयद को समझने की नई दृष्टि देती है ‘सर सैयद अहमद खान: रीजन, रिलीजन एंड नेशन’

19वीं सदी के सुधारकों में, सर सैयद अहमद खान (1817-1898) कई कारणों से असाधारण हैं। फिर भी, अब तक, अंग्रेजी में उनका कोई व्यापक मूल्यांकन या जीवनी संबंधी लेख उपलब्ध नहीं है। शायद, इस तथ्य के कारण कि सर...

कोविड काल में 80% बच्चों में सीखने में आयी कमी और 10 % बच्चे बन गए बाल श्रमिक: रिपोर्ट

भारत में कोरोना के कारण जनता कर्फ्यू के रूप में 22 मार्च 2020 को लॉकडाउन की शुरुआत हुई। इस लॉकडाउन के कारण सबसे अधिक शिक्षा के क्षेत्र में असर पड़ा। इस प्रभाव को ग्रामीण क्षेत्रों के SC, ST, OBC...

अकबर इलाहाबादी से अकबर प्रयागराजी तो अमरूद इलाहाबादी कैसे!

जब से हमारे इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया गया, तब से मैं सोचता रहा हूं कि वहां के अमरूदों का नाम क्यों नहीं बदला गया? क्या इलाहाबाद के नागरिकों के मुकाबले अमरूदों की तरफ से ज्यादा कड़ी प्रतिक्रिया की...

संवैधानिक अधिकारों की गांरटी सरकारी संस्थायें ही देंगी: सरकारीकरण आंदोलन मंच

सरकारीकण आंदोलन मंच ने आज कुमार परमार्थ गोविंद महाविद्यालय कल्यानपुर में एक सम्मेलन आयोजित किया। जिसमें तमाम जन सरोकारी छात्र व महिला संगठनों के लोगों ने भागीदारी की। सम्मेलन का आगाज़ हजारों की संख्या में मौजूद छात्र-छात्राओं, नौजवानों और नागरिकों से...

उच्च शिक्षण संस्थाओं में हो रही है सामाजिक न्याय की हत्या

आजादी के साथ ही भारतीय संविधान के बनाने की प्रक्रिया के दौरान ही हमारे पुरखों ने इस बात का हमेशा ख्याल रखा और उम्मीद जताई थी। इस गैर बराबरी, भेदभाव और सामंती मूल्यों पर निर्मित भारतीय समाज को न्यायप्रिय,...

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पुलिस और अर्द्ध सैनिक बलों का कोल्हान आदिवासियों के खिलाफ बर्बर युद्ध अभियान

रांची। झारखंड का कोल्हान वन क्षेत्र में इन दिनों युद्ध सा माहौल बना हुआ है। खासकर 1 दिसम्बर 2022...