Monday, May 29, 2023

environment

विश्व आदिवासी दिवसः सरकार समर्थित कॉरपोरेट लूट के लिए आदिवासियों की बलि

आज नौ अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस है। यानी आदिवासियों का दिन। जैसा कि हर आपदा में होता है समाज का जो तबका सर्वाधिक वंचित और हाशिए पर होता है, वह आपदा से सर्वाधिक प्रभावित होता है। उसकी स्थिति...

झारखंडः वन विभाग के कारनामों से ग्रामीण परेशान, हो सकता है हिंसक संघर्ष

वन विभाग की मनमानी और कारनामों की ख़बरें समय-समय पर सामने आती रही हैं। कानून को ठेंगा दिखाना और जंगल को बचाने के बजाये जंगल को बर्बाद करने वालों से सांठगांठ रखना इनकी आदतों में शुमार है। झारखंड में...

घरेलू इस्तेमाल वाले वनोपजों पर नहीं लगेगा टैक्स, हाल में पारित संबंधित नियमों में झारखंड सरकार करेगी बदलाव

रांची। राज्यपाल, झारखंड सरकार के 'आदेशानुसार' का हवाला देकर 29 जून को झारखंड सरकार के पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह ने एक अधिसूचना जारी की। जिसमें वनोपज यानी जंगलों से पैदा होने वाले...

पर्यावरण दिवस पर विशेष: प्रकृति को नष्ट कर हमने अपने ही खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है

5 जून यानी विश्व पर्यावरण दिवस, जिसकी शुरूआत 1972 से संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा की गयी थी – आज के समय और ज़्यादा प्रासंगिक हो जाना चाहिए था। आज पर्यावरण पर संकट एक वैश्विक मुद्दा बन चुका है और कई...

विश्व पर्यावरण दिवस: वनाधिकारों को जमीन पर उतारने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के सैकड़ों गांवों में प्रदर्शन

रायपुर। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर आज छत्तीसगढ़ के आदिवासी अधिकार और वनाधिकार पर काम करने वाले संगठन अलग-अलग जिलों और गाँवों में वनाधिकार विशेषकर सामुदायिक अधिकार दिलाने की मांग पर सांकेतिक प्रदर्शन कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण...

रायगढ़ की कोयला खदानों में पर्यावरणीय मानकों का उल्लंघन करने पर एनजीटी ने लगाया जिंदल समूह पर 160 करोड़ का जुर्माना

रायपुर/नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने दो कोयला खनन कंपनियों - जिंदल पावर लिमिटेड (JPL) और साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) पर छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले की तमनार तहसील की गारे IV-2/3 कोयला खदानों में पर्यावरण और स्वास्थ्य...

इतनी सी बातः सांसों की भी सुनो

दुनिया तो बसते-बसते बसी है। कोई हजारों या लाखों साल में बनी है दुनिया। पेड़, पहाड़, जंगल, नदियां, पशु, पक्षी और तितलियां। तरह-तरह के फल-फूल और पौधे। असंख्य प्रकार के जीव-जंतु। इस दुनिया को अचानक हमारी हवस ने खतरे में डाल...

गांधी दर्शन: समरसता की बुनियाद पर टिकी अर्थव्यवस्था और राजनीति

हम सब विकास के जिस मॉडल को आदर्श मानते हैं वह मनुष्य विरुद्ध प्रकृति के नैरेटिव पर आधारित है। यही कारण है कि हमारी अभिव्यक्तियां प्रकृति पर विजय प्राप्त करना और प्रकृति को अपने अधीन करना जैसी होती हैं। प्रकृति के...

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घर में नहीं हैं दाने, मामा चले हवाई तीर्थ कराके वोट भुनाने

बहुत ही घबराए और बिल्लियाये हुए हैं शिवराज सिंह चौहान और उतनी ही सिड़बिल्याई हुयी है भाजपा और जनादेश...