Monday, October 2, 2023

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आपातकाल से भी भयावह है वर्तमान काल !

सन् 1975 का 26 जून से लेकर 21 मार्च 1977 का वह काला दौर जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल को समय की जरूरत बताते हुए उस दौर में लगातार कई संविधान संशोधन किये। 40वें और 41वें संशोधन...

मुगलकाल में भी होता था दिवाली पर सबरंग माहौल

सदियों से हमारे देश का किरदार कुछ ऐसा रहा है कि जिस शासक ने भी सामंजस्यपूर्ण सहअस्तित्व की भावना से सत्ता चलाई, उसे देशवासियों का भरपूर प्यार मिला। देशवासियों के प्यार के ही बदौलत उन्होंने भारत पर वर्षों राज...

क्या मौजूदा दौर दलित राजनीति का स्वर्णिम युग है?

हाल में एक साक्षात्कार में चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण ने कहा है कि वर्तमान दलित राजनीति का स्वर्णिम काल है। वैसे आज अगर दलित राजनीति की दशा और दिशा देखी जाए तो यह कहीं से भी उसका स्वर्णिम काल...

ऑन स्पॉट फ़ैसला: घोर ‘अंधकार युग’ का अवशेष

ठीक दो साल पहले, 2017 के अक्तूबर का दूसरा सप्ताह। हरियाणा के यमुनानगर की एक आम सी महिला, गीता चौधरी मीडिया के सामने कुछ कहने के लिए आयीं। उन्हें यह भी नहीं मालूम था कि वह व्यक्तिगत तौर पर...

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ग्राउंड रिपोर्ट: बोझ में बदल दी गयी है महिला शक्ति

गनीगांव, उत्तराखंड। हाल ही में संसद के विशेष सत्र में पास किये गए महिलाओं के लिए लोकसभा और विधानसभा...