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संस्कृति-समाज

बड़ी माता: लोकजीवन में आस्था और परिवर्तन

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आइए कहानी शुरू करते हैं कुछ ऊटपटांग नामों से जो बहुत से बुजुर्ग व्यक्तियों के हैं लेकिन आजकल नए नामों में ढूंढे से भी नहीं [more…]

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संस्कृति-समाज

पांव ज़मीन परः लोक जीवन की लय का स्पंदन

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कवि-कथाकार-आलोचक शैलेन्द्र चौहान का संस्मरणात्मक उपन्यास उर्फ़ कथा रिपोर्ताज ‘पांव ज़मीन पर’ बोधि प्रकाशन जयपुर से प्रकाशित हुआ है। लोक जीवन की लय को स्पंदित [more…]