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बीच बहस

अच्छे लोकतंत्र से कोसों दूर भारत, औपचारिक-लोकतंत्र के पैमाने पर भी अभी कमज़ोर है

यह माना जाता है कि राष्ट्रीय एकता के लिए समानता और न्याय को सिद्धांत और व्यवहार में मनाना राज्य, संस्थाओं, और व्यक्तियों का अनिवार्य गुण [more…]

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संस्कृति-समाज

मानवता की एक सच्ची दुनिया की कल्पना: जहां सामूहिक प्रगति संभव हो सके

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कल्पना कीजिए एक ऐसी दुनिया की, जहां अमीर और गरीब के बीच कोई विभाजन न हो। एक ऐसी दुनिया जहां संपत्ति और संसाधन कुछ लोगों [more…]

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बीच बहस

आडंबर, अंधविश्वास और शोषण के बिल्कुल खिलाफ थे शहीद-ए-आजम भगत सिंह

शहीद-ए-आजम भगत सिंह ने स्वतंत्रता से पूर्व कांग्रेस की पूंजीवादी व सामंतवादी नीतियों के खिलाफ जमकर लिखा था। एक लेख में उन्होंने लिखा था कि [more…]

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बीच बहस

किसी एक के नहीं! तुलसी, कबीर, रैदास और वारिस शाह सबके हैं राम: प्रियंका गांधी

पांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास है। उससे एक दिन पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने राम और रामायण के सांस्कृतिक पहलू [more…]

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संस्कृति-समाज

आधुनिक भारत के प्रस्तोता ज्योतिबा फुले, डॉ. आंबेडकर और राहुल सांकृत्यायन

(स्वतंत्रता, समता और भाईचारे पर आधारित आधुनिक भारत का सपना देखने वाले तीन महापुरुषों के जन्मदिन का समय है। 9 अप्रैल 1893 राहुल सांकृत्यायन, 11 [more…]