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संस्कृति-समाज

ऋत्विक घटक: झकझोर कर हमारी चेतना जगा देने वाला फ़िल्मकार 

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एक समय में रहते हुए किसी जीवन को देखना और फिर उस समय से निकल कर जीवन-चर्चा करना, इन दोनों बातों में बहुत फ़र्क़ है। [more…]