hajari prasad dwivedi
संस्कृति-समाज
एक टांग पर खड़ा बनारस शहर नहीं, समास है: केदारनाथ सिंह की कविता बनारस
कविता में सामान्य मनुष्य, स्थान का उल्लेख तो होता ही रहता है। किसी विशिष्ट या खास व्यक्ति या शहर आदि पर कविता कम ही देखने को मिलती है। सामान्यतः, कविता सामान्य पर होती है। खास पर कविता लिखना थोड़ा...
संस्कृति-समाज
प्रतिभा किसी कुल की दास नहीं होती: अल्पना मिश्र
अल्पना मिश्र को हिंदी का ‘अनकन्वेंशनल राईटर’ माना जाता है। भाषा की ताज़गी, विलक्षणता और लेखन में लोक रंग की उपस्थिति साहित्य की दुनिया में उनको एक अलग पहचान देती है। कथाकार अल्पना मिश्र से प्रदीप सिंह की बातचीत...
Latest News
प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर
धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...
You must be logged in to post a comment.