Tag: highcourt
-
नारदा मामले में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने किया नियमों का उल्लंघन, एक जज ने लिखा खुला पत्र
नारदा मामले में गिरफ्तार चार हैवीवेट तृणमूल नेताओं की पक्की जमानत का मुद्दा अब गौण हो गया है। आरोप है कि हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस अरिजीत बनर्जी की डिवीजन बेंच ने सीबीआई को विशेष तरजीह दी थी। क्या इस तरह अपीलेट साइड रूल्स की अनदेखी नहीं की गई। इस मामले…
-
दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के साथ ही खुल गया है यूएपीए का ब्लैक बॉक्स
आसिफ तन्हा, देवांगना कलीता और नताशा नरवाल की जमानत के जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस जे भंभानी के पारित आदेश ने यूएपीए न्यायशास्त्र के पूरे ब्लैक बॉक्स को खोल दिया है। यूएपीए भारतीय न्यायशास्त्र का कई कारणों से ब्लैक बॉक्स बन गया था। पहला, जैसा कि आदेश में चिन्हित किया गया है कि यूएपीए के…
-
एक्टिविस्टों की जमानत पर नहीं लगाई सुप्रीम कोर्ट ने रोक, लेकिन हाईकोर्ट की यूएपीए की व्याख्या की होगी समीक्षा
दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा पिजरा तोड़ ग्रुप के कार्यकर्त्ता देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और आसिफ इकबाल तन्हा को दिया गया जमानत आदेश ऐतिहासिक हो गया है। दरअसल यदि उच्चतम न्यायालय इस फैसले में हस्तक्षेप करता है तो उसे दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले में दिए गए यूएपीए कानून की सिलसिलेवार व्याख्या को नये सिरे से परिभाषित करना…
-
दिल्ली कोर्ट ने दिए एक्टिविस्ट देवांगना, नताशा और आसिफ की तत्काल रिहाई के आदेश
दिल्ली कड़कड़डूमा कोर्ट में दिल्ली पुलिस को उस समय मुंह की खानी पड़ी जब दिल्ली पुलिस के इस तर्क को खारिज करते हुए कि आरोपियों के पतों और उनके ज़मानत को सत्यापित करने के लिए अधिक समय की आवश्यकता है, कोर्ट ने कहा है कि नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और आसिफ इकबाल तन्हा को कैद में रखने…
-
पूर्व जज जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा- यूएपीए पर फैसला दुरुस्त, सरकार फैला रही है दहशत
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस एजे भंभानी की खंडपीठ द्वारा यूएपीए कानून के तहत दिल्ली दंगा मामले में आसिफ इकबाल तन्हा, देवांगना कलिता और नताशा नरवाल को जमानत देने के साथ यूएपीए कानून की सैद्धांतिक व्याख्या करने और देश के प्रति अपराध और सामान्य अपराध में फर्क करने के फैसले पर उच्चतम…
-
यूएपीए की नई व्याख्या से होम मिनिस्ट्री परेशान, सुप्रीम कोर्ट पहुंची सरकार
गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) को पहली बार सिलसिलेवार दिल्ली उच्च न्यायालय ने व्याख्यायित किया है और स्पष्ट कहा है कि विरोध-प्रदर्शन करना आतंकवाद नहीं है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा था कि यूएपीए के तहत आतंकवादी अधिनियम केवल भारत की रक्षा को प्रभावित करने वाले मामलों से निपटाने के लिए बनाये गये हैं, सामान्य कानून और व्यवस्था…
-
दिल्ली हाईकोर्ट की लताड़ के बाद भी क्या सरकार कुछ सीख पाएगी?
आखिर दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस नूप जे भंभानी की बेंच ने दिल्ली में हिंसा भड़काने के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता नताशा नरवाल, देवांगना कलीता और जामिया मिल्लिया के एक छात्र आसिफ इकबाल तन्हा को जमानत दे ही दी। जमानत देते वक़्त डबल बेंच ने कहा, “हम यह कहने के लिए बाध्य…
-
विरोध प्रदर्शन करना आतंकवाद नहीं कहकर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया तन्हा, कलिता और नरवाल को जमानत
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत दिल्ली दंगा मामले में आसिफ इकबाल तन्हा, देवांगना कलिता और नताशा नरवाल को जमानत दे दी। हाईकोर्ट ने कहा कि विरोध प्रदर्शन करना आतंकवाद नहीं है । (आसिफ इकबाल तन्हा बनाम राज्य) (देवांगना कलिता बनाम राज्य) (नताशा नरवाल बनाम राज्य)। यह मामला दिल्ली…