मैं खोज में हूँ, खोज रहा हूँ अपने अंदर, अपने आस पास ‘इंसानियत’! उलझन... उलझनों को सुलझाने की युक्ति/तरकीब खोज रहा हूँ! खोज रहा हूँ सिरे ‘इंसानियत’ और शासन व्यवस्था के मौलिक बिन्दुओं के... ये दोनों ऐसे उलझे हैं...
प्रेमचन्द के जीवन और व्यक्तित्व के बारे में जो भी तथ्य मिलते हैं उनसे अन्ततोगत्वा इसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है कि वे एस असाधारण साधारण इन्सान थे। शायद उनके व्यक्तित्व की इसी खूबी ने उन्हें आम-फहम नजर...