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संस्कृति-समाज

नहीं रहा सामाजिक बदलाव के सपने का अनथक राही

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(राजीव हेमकेशव हां यही नाम है। यह आदर्श के उस उच्च रूप और सपने का गवाह है जिसे राजीव पाना चाहते थे। राजीव अपनी जाति [more…]

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बीच बहस

सुशांत राजपूत की आत्म हत्या के प्रसंग में : अवसाद, अहम् और आदर्श के सवाल

किसी भी अवसादग्रस्त आदमी के साथ एक चरण में जा कर ऐसा होता है कि उसे अपने चारों ओर की अन्य सारी आवाजें सुनाई देना [more…]

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बीच बहस

राम और सीता नहीं, फुले एवं सावित्रीबाई हैं आदर्श दंपति के प्रतीक

भारत में बहुजन-श्रमण परंपरा के पास आधुनिक भारत के निर्माण के लिए आवश्यक दर्शन, विचारधारा, ग्रंथ और नायक-नायिकाएं हैं। यह बात स्त्री-पुरूष संबंधों के बारे [more…]