Thursday, March 28, 2024

justice

प्रशांत भूषण ने रिट दाखिल कर कहा उनके खिलाफ अवमानना याचिका में प्रक्रियात्मक नियमों का हुआ उल्लंघन

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने अपने विरुद्ध अवमानना मामले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की है। याचिका में अवमानना मामले की सुनवाई का आदेश वापस लेने की मांग की गई है। याचिका में यह भी कहा गया...

प्रशांत भूषण अवमानना मामला: कहीं किसी दबाव में तो नहीं है सुप्रीम कोर्ट?

तारीख 12 जनवरी 2018 तो याद ही होगा ...यह स्वतंत्र भारत के इतिहास का वह दिन है जब विशाल लोकतांत्रिक देश की संविधान रक्षक सर्वोच्च संवैधानिक संस्था सुप्रीमकोर्ट (उच्चतम न्यायालय) के तत्कालीन सर्वेसर्वा न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, चीफ जस्टिस ऑफ...

चीफ जस्टिस संबंधी ट्वीट पर सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण को अवमानना नोटिस जारी, अगली सुनवाई 5 अगस्त को

"जब भविष्य के इतिहासकार पिछले 6 वर्षों में वापस देखेंगे कि औपचारिक आपातकाल के बिना भी भारत में लोकतंत्र कैसे नष्ट हो गया तो वे विशेष रूप से इस विनाश में सुप्रीम कोर्ट की भूमिका को चिह्नित करेंगे और...

चलना था महाभियोग, बाइज्जत रिटायर हो गए माननीय

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस एसएन शुक्ला बिना महाभियोग की करवाई के अपना कार्यकाल पूरा करके 17 जुलाई को खामोशी से रिटायर हो गये। जस्टिस शुक्ला के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला सीबीआई ने दर्ज़ कर रखा है और 2018 से उनसे...

सक्रिय वकील हैं विकास दुबे एनकाउंटर मामले में गठित न्यायिक आयोग के अध्यक्ष

उच्चतम न्यायालय में विकास दुबे एनकाउंटर को लेकर जहां उत्तर प्रदेश सरकार वास्तविक एनकाउंटर बता रही है वहीं याचिकाकर्ता इसे फर्जी बताते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित एक सदस्यीय आयोग के जस्टिस शशिकांत अग्रवाल को हाईकोर्ट का रिटायर्ड जज...

अररिया गैंगरेप: न्यायिक मजिस्ट्रेट ने न्याय को ही लटका दिया सूली पर

अगर किसी के साथ गैंग रेप हुआ है और उसका किसी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष धारा 164 के तहत बयान दर्ज़ हुआ है तो बयान पढ़कर सुनाये जाने की बात कहने पर न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत की अवमानना हो...

क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम: आखिर इस मर्ज की दवा क्या है?

विकास दुबे कानपुर के पास एक पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। यह मुठभेड़ फ़र्ज़ी है या सही, इस पर एक जनहित याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में दायर की गयी है, और उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच...

आखिर हाशिये पर क्यों पहुंच गयी किसान राजनीति?

भारतीय राजनीति का दौर पूंजीवाद के आगमन के साथ बदल चुका है। सदियों से चले आ रहे सामाजिक अन्याय व अत्याचार को तो ढोया जा रहा है, मगर पूंजीवाद तले सामाजिक न्याय की लड़ाई भटक चुकी है। भारत जैसे देश...

संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों में नहीं है संविधान रक्षा की ‘रीढ़’!

आज पूरे देश की जनता के मन में यही सवाल है कि क्या न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका के साथ मिल कर राग दरबारी गा रही है और आम आदमी या गरीब आदमी को न्याय मिलना दिन प्रति दिन और...

माननीयों को नहीं दिखीं सुप्रीमकोर्ट रजिस्ट्री की मनमानियां

उच्चतम न्यायालय के तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने 08 जुलाई 2019 को यह बड़ा फैसला किया था कि सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में गड़बड़ी की जांच अब सीबीआई के अफसर करेंगे। बिना किसी पीठ के निर्देश के मुकदमों...

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अमर्त्य सेन ने लेखकों-पत्रकारों को लंबे समय तक कैद में रखने का किया विरोध

नई दिल्ली। नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन सहित देश-विदेश के कई प्रसिद्ध शिक्षाविदों ने भारत में “बड़ी संख्या में...