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बीच बहस

“न्यायतंत्र भारत से विदा हो चुका है”

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(कहा जाता है कि किसी चीज को नापने का सबसे बड़ा पैमाना जनमत होता है। और लोकतंत्र में वैसे भी इसकी अनदेखी नहीं की जा [more…]

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राजनीति

सड़ांध मारती व्यवस्था और नफरती-सांप्रदायिक माहौल में न्याय के योद्धा हैं कुणाल कामरा

क्या कुणाल कामरा ऐसे महानायक बनकर उभरे हैं जो उन तमाम पीड़ितों की नाराजगी का प्रतीक हैं जिन्हें अदालतों से इंसाफ नहीं मिलता। सोशल मीडिया [more…]

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राजनीति

कुणाल अवमानना मामला: बचाने की कोशिश में कहीं सरेआम नीलाम न हो जाए सुप्रीम कोर्ट की आबरू

कहते हैं कि स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा पर अदालत की अवमानना के लिए सुप्रीम कोर्ट में मुक़दमा चलाया जाएगा – उस कोर्ट में जिसने चार [more…]

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राजनीति

कामरा के खिलाफ अवमानना केस: फ्रीडम ऑफ स्पीच का मतलब सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंचाना नहीं

भारत के एटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने यह कहते हुए कि लोगों को आजकल लगता है कि वो मुखर और अंधाधुंध तरीके से उच्चतम न्यायालय  [more…]