Friday, March 29, 2024

mass struggle

जब भी जनता के गीत गाए जाएंगे, क्रांतिकारी जन गीतकार गदर याद आएंगे

मैंने गदर को जेएनयू के गंगा ढाबा के सामने गाते हुए पहली बार सुना था। संभवतः 2003 की बात है। पैरों में घुंघरू बांधे, ऊपर तक उठी धोती, कंधे पर काला कंबल, एक लाल तौलिया जैसा गले में लपेटे...

प्रताप भानु मेहता का लेख: क्या भारत भाजपा की निरंकुशता का प्रतिरोध कर पाएगा?

भारत का राजनीतिक सिस्टम निरंकुशता की ओर घूम रहा है। विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जाना, बलपूर्वक राहुल गांधी को अयोग्य करार देना, सिविल सोसाइटी और रिसर्च संगठनों के पीछे पड़ जाना, जानकारी की सेंसरशिप, विरोध प्रदर्शनों पर सेंसरशिप।...

छत्तीसगढ़ जन अधिवेशन:  व्यापक जनसंघर्ष से ही हो सकता है, कार्पोरेट-हिंदुत्व का मुकाबला 

रायपुर। नया रायपुर में जहां एक ओर कांग्रेस का महाधिवेशन चल रहा था, उसके समानांतर छत्तीसगढ़ में आदिवासियों, किसानों, मजदूरों, दलितों, आवासहीनों, महिलाओं और अन्य तबकों के बीच काम कर रहे 25 से ज्यादा जन संगठनों ने मिलकर 25-26...

सामाजिक संघर्ष में तब्दील होता किसान आंदोलन

हाड़ कंपाती ठंड में लगभग डेढ़ माह से दिल्ली सीमा पर अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे किसानों का मोर्चा धीरे-धीरे सामाजिक संघर्ष में तब्दील होता जा रहा है। किसी भी लड़ाई का चरम बिंदु होता है जब वो...

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बेरोजगारी का विकराल रूपः सरकार ने डाल दिए हथियार

तो नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से यह दो टूक कह दिया गया है कि बेरोजगारी जैसी समस्याओं से...