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संस्कृति-समाज
विश्व पुस्तक मेला: एक धीमे बदलाव वाली संस्कृति
Janchowk -
नई दिल्ली। किताबों की दुनिया हर दो-तीन साल में थोड़ी सी परिवर्तित जाती है लेकिन उस फ़र्क को बहुत साफ-साफ नहीं पहचाना जा सकता। यह एक धीमे बदलाव वाली संस्कृति है। हर साल के मुकाबले इस साल मैंने किताबें...
ज़रूरी ख़बर
पुस्तक मेले में राष्ट्रगान के दौरान ‘राष्ट्रवादी’ चिल्लाते रहे ‘मोदी-मोदी’
रविवार को पुस्तक मेले का आखिरी दिन था। कुछ साहित्यकार और रंगकर्मियों ने मिलकर पुस्तक मेले के आखिरी दिन एनआरसी-सीएए के खिलाफ़ कालीपट्टी बांधकर कविता और जनगीत पढ़ने तथा संविधान की प्रस्तावना का पाठ करने का आयोजन किया।
हॉल...
संस्कृति-समाज
विश्व पुस्तक मेला 2020:अंतिम दिन उमड़ा पुस्तक प्रेमियों का हुजूम
किताबों का महाकुंभ यानी विश्व पुस्तक मेला (World Book Fair 2020) अंतिम दिन अपने सबाब पर था। 4 जनवरी को शुरू हुए विश्व पुस्तक मेले के अंतिम दिन बच्चे, युवा और बुजुर्गों की भारी भीड़ ने अपने-अपने पसंदीदा...
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ग्राउंड रिपोर्ट: पुंछ में केसर उत्पादन की संभावनाएं बढ़ीं
जम्मू के पुंछ जिले में किसान एजाज़ अहमद पांच वर्षों से केसर की सफल खेती कर रहे हैं, जिसे जम्मू विश्वविद्यालय ने समर्थन दिया है। सरकार से फसल सुरक्षा की मांग करते हुए, अहमद पुंछ को प्रमुख केसर उत्पादन केंद्र बनाना चाहते हैं, जबकि महिला किसानों ने भी केसर उत्पादन में रुचि दिखाई है।
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