Thursday, March 30, 2023

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विश्व पुस्तक मेला: एक धीमे बदलाव वाली संस्कृति

नई दिल्ली। किताबों की दुनिया हर दो-तीन साल में थोड़ी सी परिवर्तित जाती है लेकिन उस फ़र्क को बहुत साफ-साफ नहीं पहचाना जा सकता। यह एक धीमे बदलाव वाली संस्कृति है। हर साल के मुकाबले इस साल मैंने किताबें...

पुस्तक मेले में राष्ट्रगान के दौरान ‘राष्ट्रवादी’ चिल्लाते रहे ‘मोदी-मोदी’

रविवार को पुस्तक मेले का आखिरी दिन था। कुछ साहित्यकार और रंगकर्मियों ने मिलकर पुस्तक मेले के आखिरी दिन एनआरसी-सीएए के खिलाफ़ कालीपट्टी बांधकर कविता और जनगीत पढ़ने तथा संविधान की प्रस्तावना का पाठ करने का आयोजन किया। हॉल...

विश्व पुस्तक मेला 2020:अंतिम दिन उमड़ा पुस्तक प्रेमियों का हुजूम

किताबों का महाकुंभ यानी विश्व पुस्तक मेला (World Book Fair 2020) अंतिम दिन अपने सबाब पर था। 4 जनवरी को शुरू हुए विश्व पुस्तक मेले के अंतिम दिन बच्चे, युवा और बुजुर्गों की भारी भीड़ ने अपने-अपने पसंदीदा...

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गौतम भाटिया का लेख:राजनीतिक लड़ाई का हथियार बन रही है, कानूनी जंग 

लॉफेयर(Lawfare) शब्द दो शब्दों को मिलाकर बना है। लॉ और वॉरफेयर। इसके मायने हैं अपने विपक्षी को डराने, नुकसान...