बदलते दौर के हिसाब से उभरते बुनियादी अधिकारों और स्वतंत्रता, समानता, न्याय जैसी संकल्पनाओं को अपने सीने में सहेजे समेटे लोकतंत्र और लोकतंत्रिक शासन व्यवस्था की बयार आज पूरे विश्व, सभी महाद्वीपों और सभी देशों में निरंतर निर्विकल्प रूप...
(लोकतंत्र को कीलतंत्र में बदलने वाली मोदी सरकार दरअसल अपने पितृ पुरुषों के बताए आदर्शों पर ही चल रही है। उन्हें न तो कभी अहिंसा रास आयी और न ही उन्होंने कभी गांधी को पसंद किया। जीवन भर उन्होंने...