Author: मनोज सिंह

  • लोकतंत्र की आत्मा होते हैं शांतिपूर्ण और अहिंसात्मक आंदोलन

    लोकतंत्र की आत्मा होते हैं शांतिपूर्ण और अहिंसात्मक आंदोलन

    बदलते दौर के हिसाब से उभरते बुनियादी अधिकारों और स्वतंत्रता, समानता, न्याय जैसी संकल्पनाओं को अपने सीने में सहेजे समेटे लोकतंत्र और लोकतंत्रिक शासन व्यवस्था की बयार आज पूरे विश्व, सभी महाद्वीपों और सभी देशों में निरंतर निर्विकल्प रूप से बह रही है। पूरी दुनिया में लोकतांत्रिक मूल्यों, मान्यताओं, आदर्शों और मर्यादाओं को स्थापित करने…

  • किसानों-मेहनतकशों से अकड़ दिखाने वाले शासक हुए हैं जमींदोज

    किसानों-मेहनतकशों से अकड़ दिखाने वाले शासक हुए हैं जमींदोज

    चंपारण, खेड़ा, बारदोली और बिजौलिया जैसे अनगिनत ऐतिहासिक आंदोलनों के वंशबीजों के साथ सरकार को सहानुभूति, सदाशयता, उदारता और गहरी संवेदनशीलता का परिचय देना चाहिए। चिड़िया-चुरुंग, कीड़े-मकोड़े, कीट-पतिंगे, पशु-पक्षी समेत समस्त जीवित प्राणियों की क्षुधा तृप्ति कराने वाला किसान न केवल अन्न्दाता है, बल्कि सियासत में चमकते-दमकते अनगिनत सूरमाओं का भाग्य विधाता भी है, क्योंकि…