कौन जानता था कि बचपन में खेला गया छुक छुक गाड़ी का खेल एक दिन सचमुच उनकी रेल बनकर उन्हें घर पहुंचाने का सबब बन जाएगा। यदि सुरक्षित घर पहुंचा ही देता तो भी कम से कम खेल खेलने...
माथे पर बोझ लिए, छोटे-छोटे बच्चों का हाथ थामे या शिशुओं को गोद में उठा कर लगातार भागी जा रही भीड़ ने सब कुछ उघाड़ कर रख दिया है। विश्व की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक मानी जाने वाली भारतीय अर्थव्यवस्था के चेहरे का पाउडर धुल चुका है। चिलचिलाती...
रायपुर। ट्रेन और बस चलाने के सरकारी दावों के बीच हज़ारों किलोमीटर का सफ़र करते हुए मजदूर अब भी पैदल चलने को विवष हैं। पैदल सफ़र करते हुए अपने परिवार के साथ तेलंगाना से छत्तीसगढ़ आ रही एक गर्भवती...