हमारा संविधान हमें एक लोककल्याणकारी राज्य का दर्जा देता है। लोककल्याणकारी राज्य का अर्थ समाज के हर तबके को उसकी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति और उसके सम्यक विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजी, रोटी, आवास की सुविधा प्रदान करना...
रेल, जहाज, स्कूल, अस्पताल के बाद देश के जंगल भी बिकेंगे। यह सोच है, देश के सबसे बड़े और प्रभावी थिंक टैंक नीती (एनआइटीआई) आयोग की। 2014 के बाद योजना आयोग को भंग कर बड़े जोर-शोर से देश का...
साल 2020-21 का बजट ऐसे वक्त में पेश किया गया जब किसी को भी इस बात में कोई शक नहीं रह गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था गंभीर संकट के भंवरजाल में फंसी हुई है। कुछ वक्त से बहस सिर्फ...
एलआईसी और आईडीबीआई में अपनी हिस्सेदारी बेचने का ऐलान वित्त मंत्री ने बजट में किया है। इससे पहले एयर इंडिया, भारत पेट्रोलियम, कंटेनर कारपोरेशन, टीएचडीसी आदि बेचने का फैसला सरकार ले ही चुकी है, रेलवे के निजीकरण की दिशा...
आज देश में रोजगार संकट सबसे ज्वलंत मुद्दा है। बेरोजगारी की दर आठ फीसदी से ज्यादा पहुंच चुकी है। यह 1971 के बाद सर्वाधिक है। दरअसल रोजगार का संकट इतना गंभीर है कि प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थाओं से...