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बीच बहस

प्रभात पटनायक का लेख: केंद्रीकरण के खतरे

सुप्रसिद्ध मार्क्सवादी विद्वान अमलेंदु गुहा ने तर्क दिया था कि आधुनिक भारत में जनता के मन में दोहरी राष्ट्रीय चेतना एक साथ मौजूद रहती है: [more…]

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बीच बहस

प्रभात पटनायक का लेख : साम्राज्यवाद के पुनर्जीवन की रणनीति

डोनाल्ड ट्रंप की विदेश नीति ने प्रेक्षकों में घबराहट पैदा कर दी है। यूक्रेन और गाजा को लेकर उनकी परस्पर विरोधी नीतियाँ-पहले मामले में शांति [more…]

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बीच बहस

हमारा संविधान, सुप्रीम कोर्ट और समाजवाद की परिभाषा

भारतीय संविधान की उद्देशिका से ‘‘समाजवाद’’ की संज्ञा को हटाने की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए, 22 नवंबर को भारत के मुख्य न्यायाधीश ने [more…]

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ज़रूरी ख़बर

सरकार ने छोटे, मझोले उद्योगों को बर्बाद कर दिया है : प्रभात पटनायक

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नई दिल्ली। सुपर रिच की संपत्ति पर समुचित टैक्स लगाने, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की गारंटी करने, देशभर में सरकारी विभागों में खाली पदों को [more…]

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राजनीति

प्रभात पटनायक का लेख: बेरोजगारी के संकट को हल करने का रास्ता क्या है ?

प्रोफेसर प्रभात पटनायक ने अर्थशास्त्र के गूढ़ नियमों की बेहद सरल व्याख्या द्वारा समझाया है कि भारत में बेरोजगारी का कैसे समाधान हो सकता है। [more…]

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बीच बहस

प्रो. प्रभात पटनायक का साक्षात्कार: बीजेपी-संघ की नीति है गोडसे की छिपकर पूजा और गांधी को सार्वजनिक सलामी

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भाजपा और संघ परिवार का सामाजिक-राजनीतिक नजरिया कई विरोधाभासों से भरा पड़ा है। धर्मनिरपेक्षता की बातें करने के साथ-साथ यह लगातार गांधी के साथ-साथ सावरकर [more…]