Tag: rahul
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से बातचीत में रघुराम राजन ने कहा- ग़रीबों की मदद के लिए तत्काल 65 हज़ार करोड़ की जरूरत
(कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। कोरोना मसले पर वह कभी केंद्र सरकार को सुझाव देते दिखते हैं तो कभी उसकी आलोचना। 13 फ़रवरी को ट्वीट कर उन्होंने बहुत पहले ही कोरोना महामारी की गंभीरता के बारे में बता दिया था। लेकिन सरकार ने उसे तवज्जो देना ज़रूरी…
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भूख से तड़पते लोगों का पेट भरने के बजाय मोदी सरकार ने दी एफसीआई गोदामों में भरे चावल से सैनिटाइजर बनाने की मंज़ूरी
नई दिल्ली। जिस देश के पास खाने के लिए अनाज नहीं हो और जहां भूख से मौतें रोज़ाना की ख़बरों में शुमार हों। क्या वहाँ की सरकार भंडारण में रखे अनाज का बेजा इस्तेमाल कर सकती है। लेकिन भारत की मोदी सरकार इस काम को करने जा रही है उसने सोमवार को भारतीय खाद्य निगम…
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दूसरे लॉकडाउन के बाद भी हालात नहीं बदले तब फिर क्या?
देश में दूसरा लॉकडाउन 15 अप्रैल से शुरू हो चुका है जो 20 अप्रैल से कतिपय चुनिंदा छूट के साथ 3 मई तक चलेगा। लेकिन जिस तरह देश में स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाएँ इस महामारी से निपटने में स्वयं वेंटिलेटर पर हैं तो 40-44 दिन के लॉकडाउन में यदि कोरोना का खात्मा नहीं हुआ तब…
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राजनीति में आवश्यक है नेताओं का निरंतर जन संवाद
राहुल गांधी सहित सभी राष्ट्रीय दलों के नेताओं को इस प्रकार की नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी चाहिये। ज़ूम तो सरकार कह रही है कि आज से असुरक्षित हो गया। उसमें कोई असुरक्षित करने वाला वायरस आ गया है। अभी तो यही कोविड 19 ही बवाले जान था अब पता नहीं यह कौन सा वायरस आ…
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साम्यवाद ही क्यों? : राहुल सांकृत्यायन
आज दुनिया एक वैश्विक महामारी का सामना कर रही है। पूरी दुनिया के सभी संसाधनों पर क़ब्जा करने के लिए लार टपका रही और अपने लोभ के कारण प्रकृति को नोच-खसोट कर पूरे भूमंडल को युद्ध और जनसंहार के अस्त्र-शस्त्रों तथा परमाणु-बमों के जखीरों से लाद चुकी साम्राज्यवादी शक्तियां इस आपदा के सामने घुटने टेक…
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आधुनिक भारत के प्रस्तोता ज्योतिबा फुले, डॉ. आंबेडकर और राहुल सांकृत्यायन
(स्वतंत्रता, समता और भाईचारे पर आधारित आधुनिक भारत का सपना देखने वाले तीन महापुरुषों के जन्मदिन का समय है। 9 अप्रैल 1893 राहुल सांकृत्यायन, 11 अप्रैल 1827 जोतिबा फुले और 14 अप्रैल 1891 बाबा साहब भीमराव आंबेडकर। इन तीनों महापुरुषों के सपनों, दर्शन, विचारों, इतिहास दृष्टि, व्यक्तित्व और कृतित्व में बहुत कुछ साझा है। आइए…
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राहुल सांकृत्यायन के भोजपुरी नाटक ‘मेहरारुन के दुरदसा’ के संदर्भ में स्त्री विमर्श
राहुल सांकृत्यायन एक, अत्यंत प्रतिभाशाली व्यक्तित्व थे। उन्होंने, भरपूर यात्रायें की। चार खंडों में उनकी आत्मकथा मेरी जीवन यात्रा बेहद रोचक और ज्ञानवर्धक संकलन है। विशेषकर उनकी तिब्बत से जुड़ी यात्राएं। उनकी आत्मकथा पढ़ना एक बेहद रोचक अनुभव है। दर्शन जैसे गूढ़ विषय पर सरल भाषा और शैली में, लिखी गयी उनकी पुस्तक, दर्शन दिग्दर्शन,…
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जन्मदिन पर विशेष: हिंदुओं के धर्म, ईश्वर और जाति का विनाश क्यों चाहते थे राहुल सांकृत्यायन?
राहुल सांकृत्यायन (9 अप्रैल 1893-14 अप्रैल 1963) बचपन का नाम केदारनाथ पाण्डेय, वैरागी साधु बनने पर नाम पड़ा राम उदार दास और बौद्ध धम्मानुयायी बनने पर नाम हो गया राहुल सांकृत्यायन। यह नाम परिवर्तन उनकी वैचारिक यात्रा को दर्शाता है। वह वेदान्ती, आर्य समाजी, बौद्ध मतावलंबी से होते हुए मार्क्सवादी बने और आजीवन साम्यवादी बुद्धिस्ट…
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भूषण, सिन्हा और शौरी ने फिर उठाया राफेल का मामला, कहा- सीबीआई करे जांच, वरना खटखटाएंगे फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने प्रेस कांफ्रेंस करके सीबीआई से राफेल मामले की जांच करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सीबीआई को सबसे पहले इस मामले में एफआईआर दर्ज करनी चाहिए। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कोर्ट…