Wednesday, April 24, 2024

भूख से तड़पते लोगों का पेट भरने के बजाय मोदी सरकार ने दी एफसीआई गोदामों में भरे चावल से सैनिटाइजर बनाने की मंज़ूरी

नई दिल्ली। जिस देश के पास खाने के लिए अनाज नहीं हो और जहां भूख से मौतें रोज़ाना की ख़बरों में शुमार हों। क्या वहाँ की सरकार भंडारण में रखे अनाज का बेजा इस्तेमाल कर सकती है। लेकिन भारत की मोदी सरकार इस काम को करने जा रही है उसने सोमवार को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास उपलब्ध अतिरिक्त चावल को एथनॉल में तब्दील करने की योजना को मंज़ूरी दे दी है। बताया जा रहा है उससे सैनिटाइजर बनाया जाएगा।

यह फ़ैसला राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति (एनबीसीसी) की बैठक में लिया गया। दि वायर के हवाले ले मिली जानकारी के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ‘पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की अध्यक्षता में एनबीसीसी की सोमवार को हुई बैठक में इस बात की मंजूरी दी गयी कि एफसीआई के पास उपलब्ध अधिशेष चावल को एथनॉल में तब्दील किया जा सकता है ताकि अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का विनिर्माण हो सके और एथनॉल मिश्रित पेट्रोल कार्यक्रम में इसका उपयोग हो सके।’

सरकार ने यह फैसला ऐसे समय किया है जब देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं।

इस मसले पर राजनीतिक ख़ेमे से कड़ी प्रतिक्रियाएँ आयी हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि देश में गरीब भूखे मर रहे हैं और उनके हिस्से के चावल से सैनिटाइजर बनाकर अमीरों की मदद की जा रही है। उन्होंने यह सवाल भी किया कि आखिर देश का गरीब कब जागेगा?

गांधी ने एक खबर शेयर करते हुए ट्वीट किया कि ‘आखिर हिंदुस्तान का ग़रीब कब जागेगा ? आप भूखे मर रहे हैं और वे आपके हिस्से के चावल से सैनिटाइजर बनाकर अमीरों के हाथ की सफ़ाई में लगे हैं।’ उन्होंने जो खबर शेयर की उसके मुताबिक, देश में जारी कोरोना वायरस संकट के बीच सरकार ने गोदामों में मौजूद अतिरिक्त चावल का उपयोग हैंड सैनिटाइजर की आपूर्ति के वास्ते जरूरी एथेनॉल बनाने के लिए करने का फैसला किया है।

गांधी के अलावा अन्य विपक्षी दलों ने भी इसकी आलोचना की है। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि ऐसा करना अपराध के आगे की भी कोई श्रेणी आती है तो उसमें शामिल है।

येचुरी ने बीते सोमवार को ट्वीट कर कहा, ‘यह अपराध से भी परे है। लॉकडाउन के कारण जो हजारों लोग पेट भरने के लिए जूझ रहे हैं उनकी भूख मिटाने के बजाय मोदी केंद्रीय गोदामों में रखे चावल के बड़े स्‍टॉक का इस्‍तेमाल सैनिटाइजर के लिए एथेनॉल बनाने में करने की योजना बना रहे हैं।’

इसके अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने ट्वीट किया है और उनसे इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील की है। उनका कहना है कि इस अनाज का उपयोग देश के गरीबों का पेट भरने के लिए किया जाये तो ज्यादा बेहतर होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय से गुजारिश की है कि वे इस फैसले पर फिर से विचार करें.

(समाचार एजेंसी भाषा और द वायर से इनपुट के साथ।)

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